नई दिल्ली, 1 नवंबर . भारतीय और अमेरिकी सेनाओं के विशेष बलों का संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘वज्र प्रहार’ 2 नवंबर से शुरू होगा. इसके लिए भारतीय दल शुक्रवार को अमेरिका के ओहायो रवाना हो गया. ओहायो के ऑर्चर्ड कॉम्बैट ट्रेनिंग सेंटर में 22 नवंबर तक दोनों देशों की सेनाएं टोही मिशन, मानव रहित हवाई प्रणालियों, टर्मिनल और मनोवैज्ञानिक युद्ध से जुड़े अभ्यास करेंगी.
भारत और अमेरिका के विशेष बलों के बीच ‘वज्र प्रहार’ की यह 15वीं कड़ी है. खास बात है कि भारतीय और अमेरिकी सेना के बीच यह इस वर्ष का दूसरा अभ्यास होगा. दोनों देशों के बीच सितंबर में ‘युद्ध अभ्यास 2024’ राजस्थान में आयोजित किया गया था.
पिछले साल ‘वज्र प्रहार’ दिसंबर 2023 में मेघालय के उमरोई में आयोजित किया गया था.
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस संयुक्त सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेने वाली प्रत्येक सैन्य टुकड़ी में 45 सैन्यकर्मी होंगे. भारतीय सेना की टुकड़ी का प्रतिनिधित्व स्पेशल फोर्सेज यूनिट्स और अमेरिकी सेना की टुकड़ी का प्रतिनिधित्व अमेरिका की ग्रीन बेरेट्स द्वारा किया जाएगा. ‘वज्र प्रहार’ अभ्यास का उद्देश्य इंटर-ऑपरेशनलिटी, संयुक्त रूप से कार्य करने और विशेष संचालन संबंधी रणनीति का पारस्परिक आदान-प्रदान बढ़ाकर दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना है.
यह अभ्यास रेगिस्तानी और अर्ध रेगिस्तानी क्षेत्र में किया जाएगा. यह विशेष बलों की अभियान संबंधी संयुक्त क्षमताओं को बढ़ाएगा. यह सैन्य अभ्यास बेहतर शारीरिक फिटनेस, संयुक्त योजना और मिलकर काम करने के सामरिक अभ्यास पर केंद्रित होगा. अभ्यास के दौरान संयुक्त टीम मिशन, टोही मिशन, ड्रोनों से निपटने, विशेष अभियानों को क्रियान्वित करने, ज्वाइंट टर्मिनल अटैक और विशेष अभियानों में मनोवैज्ञानिक युद्ध संबंधी विधियों पर ध्यान दिया जाएगा.
विशेषज्ञों का मानना है कि ‘वज्र प्रहार’ अभ्यास दोनों देशों की सेनाओं को विशेष अभियानों को पूरा करने की सर्वोत्तम विधियों और अनुभवों को साझा करने में सक्षम करेगा. इस अभ्यास से दोनों देशों के सैनिकों के बीच अंतर-संचालन क्षमता, सौहार्द्र और साझा रणनीति विकसित करने में मदद मिलेगी.
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जीसीबी/एबीएम/एकेजे