न्यूयॉर्क, 8 मार्च . संयुक्त राष्ट्र की पूर्व राजदूत निक्की हेली की अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए कड़ी लड़ाई भारतीय मूल की अमेरिकी महिलाओं के राजनीति और समाज में एक शक्ति केंद्र के रूप में उभरने का प्रतीक है. भले ही वह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की रेस हट गई हों. उन्होंने यह फैसला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से दो दिन पहले किया.
अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ उपराष्ट्रपति पद के लिए एक और रेस के लिए तैयार हैं. कमला हैरिस ने इस पद पर निर्वाचित होने वाली पहली महिला का रिकॉर्ड बनाया है.
दोनों महिलाओं का राजनीति में शानदार प्रोफाइल है, वहीं कई भारतीय मूल की अमेरिकी महिलाएं राजनीति, सरकार, बिजनेस और अन्य क्षेत्रों में चमक रही हैं.
अमेरिका में रह रही भारतीय मूल की महिलाओं ने अंतरिक्ष में उड़ान भरी, मल्टीनेशनल कॉर्पोरेशन का नेतृत्व किया, विश्वविद्यालयों का नेतृत्व किया और अपनी बहुमुखी प्रतिभा दिखाते हुए, सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) के लिए गुप्त रूप से काम किया और यहां तक कि मिस अमेरिका का ताज भी जीता.
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में निक्की हेली के रेस से हटने के साथ ही डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन उम्मीदवारी का रास्ता साफ हो गया है. निक्की हेली ने रेस से हटने का फैसला तब किया जब रिपब्लिकन उम्मीदवारी के लिए हुए महामुकाबले में उन्हें भारी हार का सामना करना पड़ा. निक्की हेली ने बुधवार को समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि अब समय आ गया है, जब मुझे अपना अभियान रोक देना चाहिए. मुझे कोई पछतावा नहीं है. इसके साथ ही अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर किसी भारतीय मूल की शख्सियत के पहुंचने के सपने पर विराम लग गया.
उन्होंने रिपब्लिकन प्राइमरी में डाले गए वोटों में से लगभग 25 प्रतिशत वोटों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हासिल कर राजनीति में अपनी छाप छोड़ी.
निक्की हेली को दक्षिण कैरोलाइना के गवर्नर के रूप में दो बार चुने जाने का गौरव भी प्राप्त है, वह देश का नेतृत्व करने वाली पहली महिला और पहली गैर-श्वेत व्यक्ति भी हैं. वह अमेरिकी कैबिनेट की सदस्य बनने वाली पहली भारतीय अमेरिकी थीं, जब वह कैबिनेट रैंक के साथ संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि थीं.
कमला हैरिस ने कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल के रूप में अपनी पहचान बनाई और सीनेट में पहुंची, जहां उनके काम को राष्ट्रीय मान्यता मिली, जिससे अमेरिका में उपराष्ट्रपति की दूसरी सबसे पावरफुल जॉब का मार्ग प्रशस्त हुआ.
वह उपराष्ट्रपति बनने वाली पहली महिला हैं और वह अमेरिकी सीनेट के लिए चुनी गई भारतीय मूल की पहली व्यक्ति भी थीं.
प्रमिला जयपाल प्रतिनिधि सभा में प्रोग्रेसिव कॉकस की प्रमुख हैं. वह राजनीतिक रूप से दूसरी शक्तिशाली भारतीय मूल की अमेरिकी महिला हैं.
निक्की हेली ने बुधवार को कहा था कि वह अपनी रेस से हट रही है, “अभी पिछले सप्ताह ही मेरी पहली जनरेशन की आप्रवासी मां को अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए अपनी बेटी के लिए वोट करने का मौका मिला, ये अमेरिका में ही हो सकता है”.
बिजनेस में इंद्रा नूई ने 200 से अधिक देशों में काम करने वाले 3 लाख से अधिक कर्मचारियों वाले पेप्सिको के सीईओ के रूप में अपनी खुद की एक अलग पहचान बनाई, जिसका अंतिम वर्ष में राजस्व 62 बिलियन डॉलर था.
रेवती अद्वैती अमेरिका-सिंगापुर बेस्ड मैन्यूफेक्चरिंग कंपनी फ्लेक्स की सीईओ हैं. यह इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण सेवाओं में विश्व स्तर पर तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है. रेवती अद्वैती व्यापार नीति और वार्ता के लिए अमेरिकी सरकार की सलाहकार समिति में भी कार्य करती हैं.
भारतीय मूल की महिला पद्मश्री वारियर ने प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनियों मोटोरोला और सिस्को के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी और चीनी इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी नियो (एनआईओ) के अमेरिकी सीईओ के रूप में अपनी छाप छोड़ी. अब एक स्टार्टअप फैबल की सीईओ हैं.
शिक्षा क्षेत्र में, बड़ी संख्या में भारतीय मूल की अमेरिकी महिलाएं विभागों और स्कूलों की प्रमुख हैं. इनमें बड़े विश्वविद्यालयों के प्रमुख में, पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी की अध्यक्ष नीली बेंदापुडी और ह्यूस्टन सिस्टम यूनिवर्सिटी की चांसलर रेनू खटोर शामिल हैं.
वहीं आशा रंगप्पा ने येल यूनिवर्सिटी लॉ स्कूल की एसोसिएट डीन के रूप में काम किया है. भारतीय मूल की अमेरिकी महिलाएं अंतरिक्ष में भी पहुंची हैं.
मिशन विशेषज्ञ और रोबोटिक हथियार संचालिका कल्पना चावला अंतरिक्ष में पहुंचने वाली भारतीय अमेरिकी मूल की पहली महिला थी. 2003 में दूसरे मिशन में उनकी मृत्यु हो गई थी.
सुनीता विलियम्स ने बहुराष्ट्रीय परिक्रमा अनुसंधान सुविधा में अपने चार मिशनों में से एक पर अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के कमांडर के रूप में कार्य किया. उनके साथ भगवत गीता और उपनिषद अंतरिक्ष में पहुंची थीं.
गीता गोपीनाथ अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की पहली प्रबंध निदेशक हैं, जिन्होंने आइवी लीग में एक अर्थशास्त्री और संगठन के मुख्य अर्थशास्त्री के रूप में अपनी पहचान बनाई है.
अमेरिकी न्यायपालिका में कई भारतीय अमेरिकी महिलाएं हैं. उनमें से नेयोमी राव डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया सर्किट के लिए अमेरिकी अपील न्यायालय की न्यायाधीश हैं.
जो बाइडेन प्रशासन ने भारतीय अमेरिकी महिलाओं को अपनी सरकार में वरिष्ठ पदों पर तैनात किया है.
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