नई दिल्ली, 4 जुलाई . केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भारत 2025 तक अंतरिक्ष और गहरे समुद्र में पहला मानव भेजेगा.
मंत्री ने कहा, “भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लिए चार अंतरिक्ष यात्रियों – तीन ग्रुप कैप्टन और एक विंग कमांडर का चयन किया गया है.”
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के गगनयान मिशन का लक्ष्य अंतरिक्ष में तीन दिवसीय मानव मिशन भेजना है. मिशन पृथ्वी से 400 किलोमीटर ऊपर परिक्रमा कर वापस लौटेगा.
भारतीय वायुसेना के चार ग्रुप कैप्टन – प्रशांत बालकृष्णन नायर, अजीत कृष्णन और अंगद प्रताप तथा विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला को 2025 के लिए निर्धारित मिशन के लिए चुना गया है.
मंत्री ने यह भी बताया कि “भारत का डीप-सी मिशन 2025 में तीन भारतीयों को गहरे समुद्र में भेजेगा.”
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) की पहल ‘समुद्रयान’ के नाम से जानी जाने वाली यह पहल स्वदेशी रूप से विकसित मानवयुक्त पनडुब्बी वाहन मत्स्य 6000 पर सवार होकर मध्य हिंद महासागर में 6,000 मीटर की गहराई तक जाने वाला एक चालक दल अभियान होगा.
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की हाल की उपलब्धियों के बारे में भी बताया.
उन्होंने कहा कि रॉकेट और उपग्रहों को लॉन्च करने के अलावा, अंतरिक्ष क्षेत्र कृषि, बुनियादी ढांचे, संचार, स्वास्थ्य सेवा आदि पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा.
उन्होंने कहा,“2022 में हमारे पास केवल एक अंतरिक्ष स्टार्टअप था और 2024 में अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी भागीदारी के लिए खोलने के बाद हमारे पास लगभग 200 स्टार्टअप होंगे और उनमें से कई की वैश्विक क्षमता है. उन्होंने यह भी बताया कि कुछ ही महीनों में अंतरिक्ष क्षेत्र में 1,000 करोड़ रुपये का निजी क्षेत्र का निवेश आया है.”
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