2027 तक दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में स्थान बना लेगा भारत : राजनाथ सिंह

नई दिल्ली, 3 मार्च . रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि निजी क्षेत्र की बढ़ती भागीदारी के साथ, भारत 2027 तक दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में अपना स्थान बना लेगा. उन्होंने सोमवार को कहा कि भारत के सैनिक हमेशा कठिन परिस्थितियों में देश की सीमाओं पर दृढ़, सतर्क और तैयार रहते हैं. वे साहस और तत्परता के साथ देश को सभी प्रकार के खतरों से बचाते हैं. रक्षा मंत्री ने लोगों से सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण में पूरे दिल से योगदान देने का आह्वान किया है. उन्होंने इसे प्रत्येक नागरिक का राष्ट्रीय कर्तव्य बताया.

रक्षा मंत्रालय का पूर्व सैनिक कल्याण विभाग युद्ध विधवाओं, शहीद सैनिकों के आश्रितों और पूर्व सैनिकों के कल्याण और पुनर्वास के लिए कार्य कर रहा है. इसमें दिव्यांग भी शामिल हैं. इसके लिए उन्हें उनकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं जैसे कि निर्धनता अनुदान, बच्चों की शिक्षा हेतु अनुदान, अंत्येष्टि अनुदान, चिकित्सा अनुदान और अनाथ व दिव्यांग बच्चों के लिए अनुदान के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है.

राजनाथ सिंह सोमवार को नई दिल्ली में सशस्त्र सेना झंडा दिवस कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (एएफएफडी सीएसआर) सम्मेलन में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि सरकार भारत की सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने तथा अपने सैनिकों के साथ ही उनके परिजनों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.

उन्होंने जोर देकर कहा कि आगे बढ़कर हरसंभव तरीके से सैनिकों का समर्थन करना राष्ट्र की सामूहिक जिम्मेदारी है. सीएसआर का मतलब सिर्फ 2 प्रतिशत योगदान नहीं है, यह वीर सैनिकों और उनके आश्रितों से दिल से दिल का जुड़ाव है. उन्होंने उपस्थित शीर्ष कॉर्पोरेट प्रमुखों से कहा, “आप जो भी योगदान देंगे, वह साधारण नहीं होगा. आपको इस बात का पूरा ध्यान रखना चाहिए कि कल जब आपकी वास्तविक बैलेंस शीट तैयार होगी, तो उसमें देनदारियों से ज्यादा संतुष्टि और खुशी की संपत्तियां होंगी.”

रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दोहराया. उन्होंने कहा कि सभी हितधारकों के सम्मिलित प्रयासों से आत्मनिर्भर और विकसित भारत का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. निजी क्षेत्र की बढ़ती भागीदारी के साथ, भारत 2027 तक दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में अपना स्थान बना लेगा.

उन्होंने एएफएफडी फंड में उदारतापूर्वक योगदान के लिए कॉरपोरेट घरानों की सराहना की. इस अवसर पर शीर्ष सीएसआर दानदाताओं को सम्मानित किया गया. यह योगदान बैंक खातों में चेक, डीडी, एनईएफटी, आरटीजीएस आदि के माध्यम से जमा किया जा सकता है. इसके अलावा मंत्रालय से जारी क्यूआर कोड के माध्यम से भी भुगतान किया जा सकता है.

जीसीबी/एबीएम