दावोस, 21 जनवरी . आईएमएफ की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गीता गोपीनाथ के कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है, लेकिन 2047 तक 10 ट्रिलियन डॉलर की विकसित अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने एवं विकास को और तेज करने के लिए देश को और बड़े संरचनात्मक सुधारों की आवश्यकता होगी.
उन्होंने आगे कहा कि हाल के महीनों में भारत की विकास दर धीमा होने की वजह चुनाव के कारण सार्वजनिक निवेश में कमी आना था.
गोपीनाथ ने एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में सार्वजनिक निवेश में उछाल आएगा और ग्रामीण खपत में मजबूती आएगी. हालांकि, उच्च, टिकाऊ विकास हासिल करने के लिए भारत को सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के निवेश पर अपना ध्यान केंद्रित करना होगा. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि परियोजनाएं समयसीमा के अंदर पूरी हो.
इसके अलावा गोपीनाथ ने आगे कहा कि व्यापार करने में आसानी के लिए सुधार करना होगा और कुछ करों में कटौती करके वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में अधिक मजबूती से एकीकृत होना होगा.
आईएमएफ की डिप्टी चीफ के मुताबिक, भारत का महत्वाकांक्षी लक्ष्य 2047 तक 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है, जो फिलहाल बहुत दूर की बात है, क्योंकि दुनिया स्थिर नहीं है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पिछले दशक में हमने जो देखा है, उससे कहीं अधिक बड़े संरचनात्मक सुधारों की आवश्यकता होगी.
गोपीनाथ के अनुसार, विश्व अर्थव्यवस्था 3.3 प्रतिशत की स्थिर गति से बढ़ रही है, लेकिन प्रमुख अर्थव्यवस्था अलग-अलग रास्ते पर जा रही हैं.
उन्होंने आगे बताया कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था मजबूत है, जबकि यूरोप चुनौतियों का सामना कर रहा है. चीन की अर्थव्यवस्था भी समस्याओं का सामना कर रही है और उसे अपने प्रॉपर्टी सेक्टर और घरेलू मांग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है.
भारतीय अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष में 6.4 प्रतिशत की गति से बढ़ने का अनुमान है. वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी 5.4 प्रतिशत की गति से बढ़ी थी.
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एबीएस/