नई दिल्ली, 5 नवंबर . केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को तीसरे भारतीय अंतरिक्ष सम्मेलन के दौरान भारत के स्पेस प्रोग्राम को लेकर बात की. इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी के नेतृत्व की भी सराहना की.
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने से खास बातचीत में कहा, “60-70 साल तक भारत का अंतरिक्ष विभाग गोपनीयता के पर्दे में काम करता रहा, इसलिए हमारा विकास उस प्रकार से नहीं हो सका है, जिस तरह की अपेक्षा थी. हमारे देश के वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष विभाग से जुड़े विशेषज्ञों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं थी. उनमें मेहनत करने का जज्बा भी था और उनकी आंखों में अरमान भी थे.”
उन्होंने विक्रम साराभाई को याद करते हुए कहा, “आप याद करिए वो तस्वीरें, जब विक्रम साराभाई अपना बहुत सारा समान साइकिल पर लादकर लेकर जाते थे. उस दौरान साधनों का अभाव था, लेकिन इसकी पूर्ति प्रधानमंत्री मोदी के आने के बाद हुई. उन्होंने स्पेस सेक्टर को सार्वजनिक निजी पार्टी एसोसिएशन के लिए खोल दिया. देश में तीन-चार वर्षों के दौरान सिंगल डिजिटल स्पेस स्टार्टअप से अब 300 से अधिक स्टार्टअप हो गए हैं.”
जितेंद्र सिंह ने आगे कहा, “आने वाले समय में हमारी इकोनॉमी में इजाफा होने लगा है और इसमें स्पेस सेक्टर का भी एक महत्वपूर्ण योगदान रहेगा. जल्द ही हमारा गगनयान ह्यूमन मिशन पर जाने वाला है और साल 2035 तक हमने अपना एक अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण करने की योजना बनाई है, जिसका नाम भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन होगा. साल 2040 तक भारतीय मूल का एक व्यक्ति चंद्रमा की धरती पर उतर सकेगा. ये सारी बातें इसलिए संभव हुई हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने स्पेस सेक्टर को खोल दिया है.”
उन्होंने कहा, “इसरो की स्थापना साल 1969 में हुई थी, जब पहला इंसान चांद की धरती पर लैंड हुआ था, लेकिन आज चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला देश अगर कोई है तो वो भारतवर्ष है. इस साल यूरोपियन यूनियन का एक सैटेलाइट प्रोबा-3 श्री हरिकोटा से लॉन्च होगा. हिंदुस्तान और यूरोपियन यूनियन के स्पेस विशेषज्ञ मिलकर सूरज और उसके रहस्यों का अध्ययन करने वाले हैं.”
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