बेंगलुरु, 6 अक्टूबर . केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव की ओर से कहा गया कि भारत दुनिया का अगला सेमीकंडक्टर हब बनने की तरफ तेजी से बढ़ रहा है, क्योंकि देश में इस सेक्टर में बड़ी संख्या में निवेश किया जा रहा है.
वैष्णव ने न्यूयॉर्क में हाल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शीर्ष टेक सीईओ के बीच हुई राउंड टेबल बातचीत का हवाला देते हुए कहा कि इस दौरान तीन शीर्ष एग्जीक्यूटिव्स ने कहा कि ऐसा जोश हमने पिछले 35 से 40 वर्षों में इतिहास में किसी और देश में नहीं देखा है.
केंद्र सरकार की ओर से अब तक 1.52 लाख करोड़ रुपये के निवेश मूल्य के पांच सेमीकंडक्टर प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है.
चिप उत्पादन पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अमेरिकी की माइक्रोन टेक्नोलॉजी 2025 की शुरुआत भारत में चिप का उत्पादन करना शुरू कर देगी. वहीं, सीजी पावर सेमीकंडक्टर सुविधा का कंस्ट्रक्शन चल रहा है और टाटा की ओर से असम में बनाई जा रही एटीएमपी सुविधा में भी काम तेजी से किया जा रहा है और इसका कंस्ट्रक्शन शुरू हो गया है.
इससे पहले केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री की वृद्धि से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को मजबूती मिलेगी. सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री, सभी उद्योगों का आधार है. चिप का इस्तेमाल मेडिकल डिवाइस, मोबाइल फोन, लैपटॉप, कार, ट्रक, ट्रेन , टीवी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है.
साथ ही कहा कि अब तक सरकार की ओर से गई सभी पहल जिसमें डिजिटल इंडिया मिशन और टेलीकॉम इंडिया मिशन शामिल हैं, उसने सामान्य नागरिकों के हाथ में टेक्नोलॉजी आई है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत का सेमीकंडक्टर मार्केट 2026 तक 64 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है. यह 2019 के बाजार मूल्य से करीब 3 गुना होगा.
जानकारों के मुताबिक, अपनी भारत अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ा सेमीकंडक्टर सेक्टर में एक बड़ा खिलाड़ी बनने की तरफ बढ़ रहा है. सेमीकॉम इंडिया प्रोग्राम और इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) जैसी पहल के कारण भारत को इस क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर बाजार हिस्सेदारी हासिल करने में मदद मिलेगी. इससे बड़ी संख्या में भारत में नौकरियां भी पैदा होंगी.
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एबीएस/