New Delhi, 9 अगस्त . भारत ने Saturday को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच 15 अगस्त को अलास्का में होने वाली प्रस्तावित बैठक का स्वागत किया है. इस बैठक को यूक्रेन संघर्ष समाप्त करने और शांति बहाल करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने बयान में कहा, “भारत अमेरिका और रूस के बीच 15 अगस्त को अलास्का में बैठक के लिए बनी समझ का स्वागत करता है. यह बैठक यूक्रेन में चल रहे संघर्ष को समाप्त करने और शांति की संभावना खोलने का अवसर है. जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार कह चुके हैं कि यह युद्ध का युग नहीं है.”
भारत ने कहा कि वह इस शांति पहल में सहयोग के लिए तैयार है.
इससे पहले, ट्रंप ने ‘ट्रुथ सोशल’ पर घोषणा की कि पुतिन के साथ उनकी बहुप्रतीक्षित बैठक अगले Friday, 15 अगस्त को अलास्का में होगी. उन्होंने कहा, “आगे और विवरण साझा किए जाएंगे.”
ट्रंप का यह रुख तेजी से बदला है, क्योंकि एक दिन पहले उन्होंने पुतिन से “बहुत निराश” होने की बात कही थी, हालांकि प्रगति की भी उम्मीद जताई थी.
बैठक की तैयारी के तहत पुतिन ने Friday शाम प्रधानमंत्री मोदी को फोन कर ट्रंप के साथ यूक्रेन पर हुई बातचीत की जानकारी दी. क्रेमलिन के अनुसार, पुतिन ने अमेरिका के राष्ट्रपति के विशेष दूत स्टीवन विटकॉफ के साथ हुई चर्चा के मुख्य निष्कर्ष पीएम मोदी के साथ साझा किए.
विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन का आभार व्यक्त करते हुए दोहराया कि भारत हमेशा संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान का पक्षधर रहा है.
यह बैठक ऐसे समय तय हुई है जब ट्रंप ने रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाने और उससे ऊर्जा खरीदने वाले देशों पर सेकेंडरी टैरिफ लगाने की समयसीमा तय की थी. Wednesday को मॉस्को में विटकॉफ और पुतिन की बैठक ने इस शिखर सम्मेलन की नींव रखी.
ट्रंप ने Friday को कहा, “हमारी पुतिन के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई और शांति करीब है. इसमें कुछ क्षेत्रों का आदान-प्रदान होगा, जिससे दोनों को लाभ होगा.”
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डीएससी/