नई दिल्ली, 28 फरवरी . यहां बुधवार को आयोजित उच्चस्तरीय भारत-अमेरिका होमलैंड सुरक्षा वार्ता में आतंकवाद, संगठित अपराध, मादक पदार्थों की तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग और साइबर अपराध जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई.
गृह सचिव अजय भल्ला और अमेरिकी होमलैंड सुरक्षा विभाग के कार्यवाहक उप सचिव क्रिस्टी कैनेगलो ने संबंधित प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करते हुए दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की. बातचीत के दौरान दोनों पक्षों ने आतंकवाद-रोधी और सुरक्षा क्षेत्रों में चल रहे सहयोग की समीक्षा की, जो भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी का एक प्रमुख स्तंभ रहा है.
गृह मंत्रालय ने कहा कि इस संदर्भ में उन्होंने आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद, मादक पदार्थों की तस्करी, संगठित अपराध से निपटने और परिवहन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए द्विपक्षीय प्रयासों को मजबूत करने के लिए उठाए जा सकने वाले कदमों पर चर्चा की.
दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए दोनों पक्ष सुरक्षित और कानूनी प्रवासन को सक्षम करने, अवैध प्रवासन, मानव तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग, साइबर अपराध और अवैध गतिविधियों के लिए साइबर डोमेन के दुरुपयोग को रोकने के लिए कदम उठाने पर सहमत हुए, जिसमें आतंकी वित्तपोषण भी शामिल है.
आगे बढ़ते हुए सह-अध्यक्षों ने सूचना के आदान-प्रदान, क्षमता निर्माण, तकनीकी सहायता और होमलैंड के ढांचे के तहत स्थापित उप-समूहों की नियमित बैठकों के जरिए संबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग को मजबूत करने में अपनी गहरी रुचि दोहराई. बैठक शिक्षण केंद्र और भारत के सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के बीच कानून प्रवर्तन प्रशिक्षण पर सहयोग के ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ समाप्त हुई.
दोनों पक्ष वरिष्ठ अधिकारियों की होमलैंड सुरक्षा वार्ता के अगले दौर को पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तारीख पर वाशिंगटन डीसी में आयोजित करने पर सहमत हुए.
अब से पहले भारत-अमेरिका मातृभूमि सुरक्षा वार्ता जनवरी 2022 में आयोजित की गई थी.
यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब भारत जुलाई 2023 में सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले में शामिल खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई और 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है.
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