नई दिल्ली, 16 अक्टूबर . भारत की ओर से 17-18 अक्टूबर के बीच द्वितीय अंतरराष्ट्रीय मेथनॉल सेमिनार और एक्सपो-2024 का आयोजन किया जाएगा. नीति आयोग की ओर से बुधवार को यह जानकारी दी गई.
द्वितीय अंतरराष्ट्रीय मेथनॉल सेमिनार और एक्सपो-2024 का उद्देश्य मेथनॉल उत्पादन, अनुप्रयोग और तकनीकी विकास से संबंधित परियोजनाओं, उत्पादों और अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) में हुई प्रगति को सामने लाना है. इस सेमिनार में मेथनॉल अर्थव्यवस्था पर चर्चा की जाएगी. इसमें वैश्विक विशेषज्ञ, उद्योग जगत के नेता, नीति निर्माता और शोधकर्ता शामिल होंगे.
संगोष्ठी का मुख्य फोकस वैश्विक ऊर्जा संक्रमण में मेथनॉल की भूमिका और हरित शिपिंग में एक कम-कार्बन ईंधन के रूप में मेथनॉल के उदय पर होगा. नीति आयोग, मेथनॉल इंस्टीट्यूट, यूएसए के साथ पार्टनरशिप में इस सेमिनार का आयोजन कर रहा है. इसमें सेमिनार के अलावा एक मेथनॉल एक्सपो भी होगा. इसमें मेथनॉल उत्पादन, भंडारण और उपयोग में अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी और इनोवेशन का प्रदर्शन किया जाएगा.
एक्सपो में उत्पादों और टेक्नोलॉजी की पूरी श्रृंखला प्रदर्शित की जाएगी. इसमें किर्लोस्कर, अशोक लीलैंड, वोल्वो पेंटा, एफसीटेकएनर्जी, वेसमैन थर्मल प्रोसेस, मेटफ्यूल, थरमैक्स, बीएचईएल और एनटीपीसी जैसी प्रमुख कंपनियां भाग लेंगी.
प्रतिभागियों को अग्रणी वैश्विक कंपनियों और संगठनों के साथ बातचीत करने, नवीनतम प्रगति का पता लगाने और यह प्रत्यक्ष रूप से देखने का अवसर मिलेगा कि कैसे मेथनॉल परिवहन, शिपिंग, ऊर्जा उत्पादन और अन्य उद्योगों में बदलाव लाने के लिए तैयार है.
भारत सरकार ने विभिन्न विभागों के माध्यम से भारतीय उच्च राख कोयला से मेथनॉल, डीएमई उत्पादन, डीजल इंजनों को 100 प्रतिशत मेथनॉल और डीजल में मेथनॉल मिश्रण (एमडी15) पर चलाने के लिए रूपांतरण, मेथनॉल मिश्रित पेट्रोल पर कई आरएंडडी परियोजनाओं का समर्थन किया है.
सरकार मेथनॉल के खाना पकाने और प्रोसेस हीटिंग अनुप्रयोगों में भी काम को बढ़ावा दे रही है. भारत में मेथनॉल अर्थव्यवस्था की शुरुआत सितंबर 2016 में हुई थी. उस समय नीति आयोग ने यूएसए के मेथनॉल इंस्टीट्यूट के सहयोग से पहले मेथनॉल सेमिनार का आयोजन किया था.
–
एबीएस/एबीएम