नई दिल्ली, 3 दिसंबर . भारत ने रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटी) के लिए 4.5 लाख करोड़ रुपये के प्राइम ऑफिस स्टॉक की पेशकश की है. मंगलवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, आरईआईटी को यह पेशकश वाणिज्यिक रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट परिदृश्य को बदलने के लिए की गई है.
भारत का आरईआईटी बाजार अभी प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में शुरुआती चरण में है. इनमें केवल चार लिस्टेड आरईआईटी हैं, जो खुदरा और कार्यालय बाजारों में 125 मिलियन वर्ग फीट के क्षेत्र को कवर करते हैं.
वेस्टियन की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के कुल ग्रेड-ए ऑफिस स्पेस का 60 प्रतिशत आरईआईटी योग्य है. लाभांश के रूप में आकर्षक रिटर्न के कारण धीरे-धीरे आरईआईटी विदेशी और घरेलू निवेशकों के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं.
आरईआईटी ने अपनी स्थापना के बाद से अब तक 16,800 करोड़ रुपये वितरित किए हैं, जो पूरे निफ्टी रियल्टी इंडेक्स की तुलना में अधिक लाभांश है. निफ्टी रियल्टी इंडेक्स की तुलना में बेहतर रिटर्न देने के बावजूद, आरईआईटी का बाजार पूंजीकरण उम्मीद से कम बना हुआ है.
भारत के शीर्ष सात शहरों में, बेंगलुरु कुल आरईआईटी योग्य स्टॉक के 33 प्रतिशत हिस्से के साथ सबसे आगे है.
इसके बाद हैदराबाद और एनसीआर क्रमशः 21 प्रतिशत और 15 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर हैं.
जहां मुंबई और पुणे मिलकर भारत के आरईआईटी योग्य स्टॉक का 21 प्रतिशत हिस्सा रखते हैं. वहीं, चेन्नई में 10 प्रतिशत और कोलकाता में मात्र 1 प्रतिशत का योगदान है.
रिपोर्ट में कहा गया है, “भारत में कुल आरईआईटी योग्य स्टॉक का लगभग 67 प्रतिशत ग्रीन-सर्टिफाइड है, जो ग्रेड-ए डेवलपर्स के बीच स्थिरता पर बढ़ते फोकस को दर्शाता है.”
हैदराबाद में आरईआईटी योग्य स्टॉक का उच्चतम अनुपात है, जो शहर की कुल ऑफिस इन्वेंट्री का लगभग 74 प्रतिशत है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में आरईआईटी का भविष्य आशाजनक दिखता है, क्योंकि म्यूचुअल फंड और कॉरपोरेशन धीरे-धीरे आरईआईटी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं.
एम्बेसी आरईआईटी, माइंडस्पेस आरईआईटी, ब्रुकफील्ड इंडिया आरईआईटी और नेक्सस सेलेक्ट ट्रस्ट आरईआईटी ने अपनी स्थापना के बाद से क्रमशः 24 प्रतिशत, 18 प्रतिशत, 6 प्रतिशत और 39 प्रतिशत का रिटर्न दिया है.
दूसरी ओर, बीएसई रियल्टी इंडेक्स ने पिछले 66 महीनों में 317 प्रतिशत के साथ आरईआईटी की तुलना में अधिक रिटर्न प्रदान किया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुकूल विनियामक वातावरण, निवेश पर बेहतर रिटर्न और तेजी से बढ़ते ऑफिस मार्केट से भारत में आरईआईटी बाजार को बढ़ावा मिलने की संभावना है.
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एसकेटी/एबीएम