संयुक्त राष्ट्र, 12 दिसंबर . भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के उस प्रस्ताव का समर्थन किया है जिसमें युद्धग्रस्त गाजा पट्टी में ‘तत्काल, बिना शर्त और स्थायी’ युद्धविराम की मांग की गई.
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बुधवार को दो प्रस्तावों को भारी बहुमत से मंजूरी दी. इनमें से एक गाजा में युद्ध विराम की अपील करता है. दूसरा नियर ईस्ट में फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के लिए समर्थन व्यक्त करना चाहता है.
यूएनआरडब्ल्यू से संबंधित प्रस्ताव में 28 अक्टूबर को अपनाए गए एक नए इजरायली कानून की भी आलोचना की गई है जो फिलिस्तीनी क्षेत्रों में एजेंसी की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाता है.
इजरायल ने यूएनआरडब्ल्यूए के कुछ कर्मचारियों पर हमास आतंकवादियों से संबंध होने का आरोप लगाया है.
तत्काल युद्ध विराम की मांग करने वाला प्रस्ताव 158 मतों के साथ पारित किया गया. जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका, इजरायल, अर्जेंटीना, चेकिया, हंगरी, नाउरू, पापुआ न्यू गिनी, पैराग्वे और टोंगा सहित नौ सदस्यों ने खिलाफ वोट दिया. वहीं 13 सदस्य अनुपस्थित रहे.
यूएनआरडब्ल्यूए का समर्थन करने वाले दूसरे प्रस्ताव के पक्ष में 159 मत, विरोध में नौ मत पढ़े. जबकि 11 सदस्य गैरमौजूद रहे.
भारत ने लगातार 7 अक्टूबर के हमलों की निंदा की है, इसे आतंकी कृत्य बताया, साथ ही सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई पर जोर दिया है.
भारत ने इसके साथ ही, बार-बार युद्ध विराम, निरंतर मानवीय सहायता, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन, संयम, संवाद और कूटनीति के प्रति प्रतिबद्धता की आवश्यकता पर जोर दिया है.
बता दें 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल में बड़ा हमला किया था. इसके जवाब में यहूदी राष्ट्र ने फिलिस्तीनी ग्रुप के कब्जे वाली गाजा पट्टी में सैन्य अभियान शुरू किया था.
हमास के हमले में करीब 1200 लोग मारे गए थे जबकि 250 से अधिक लोगों को बंधक बनाया गया था. इजरायली हमलों ने गाजा में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है और हजारों फिलिस्तीनियों की मौत हुई है.
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