‘इंडिया’ ने मुंबई की रैली में भाजपा को हराने, ‘संविधान बचाने’ के आह्वान के साथ प्रचार अभियान शुरू किया

मुंबई, 18 मार्च . इंडिया गठबंधन ने यहां रविवार को एक बड़ी रैली में लोकसभा चुनाव के लिए अपना अभियान शुरू किया, और लोगों से लोकतंत्र व संविधान को बचाने के लिए भाजपा को हराने का आह्वान किया.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के समापन के मौके पर शिवाजी पार्क में आयोजित रैली में इंडिया गठबंधन में शामिल कई पार्टियों के नेताओं ने 1942 में महात्मा गांधी के भारत छोड़ो आंदोलन को याद करते हुए कहा कि अब साथ मिलकर काम करने का समय आ गया है, देश को भाजपा से मुक्ति दिलानी है.

एनसीपी-शरदचंद्र पवार के प्रमुख शरद पवार ने देश में बदलाव की वकालत करते हुए कहा कि यह मिलकर किया जा सकता है. उन्होंने कहा, “जिन लोगों ने कई तरह के वादे कर देश को धोखा दिया… हमें उनसे छुटकारा पाना होगा. जो लोग सत्ता में हैं, उन्होंने किसानों, दलितों, महिलाओं, आदिवासियों और अन्य लोगों से वादे किए थे, लेकिन ये पूरे नहीं हुए.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी के लिए भाजपा के आह्वान का जिक्र करते हुए उन्होंने दावा किया कि यह काम नहीं करेगा. उन्होंने पीएम मोदी की गारंटी के बारे में टीवी पर दिखाए जाने वाले विज्ञापनों को रोकने के लिए चुनाव आयोग को धन्यवाद दिया.

शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि इंडिया ब्लॉक के तत्वावधान में एकत्र हुए विपक्षी दल तानाशाही के खिलाफ हैं. उन्होंने देश में व्याप्त तानाशाही को बाहर निकालने के लिए मुंबई को चुनने और ऐतिहासिक शिवाजी पार्क में अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के समापन के लिए एक रैली आयोजित करने के लिए राहुल गांधी को धन्यवाद दिया.

उन्होंने कहा, ”महात्मा गांधी ने 1942 में मुंबई में ‘भारत छोड़ो’ का नारा दिया था. तानाशाही को हटाने के लिए शिवाजी पार्क को चुनने के लिए धन्यवाद. भाजपा एक गुब्बारा है, हमने इस गुब्बारे को भरने का काम किया (भाजपा के साथ शिवसेना के गठबंधन और बाद के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए). ये लड़ाई संविधान बचाने की है. (शिवसेना संस्थापक) बालासाहेब (ठाकरे) कहते थे कि इसकी शुरुआत अदालतों से होनी चाहिए.”

राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपने उग्र भाषण में भाजपा को हराने का आह्वान करते हुए कहा कि सत्तापक्ष के लोग बढ़ती बेरोजगारी, किसानों की परेशानी और महंगाई पर कोई बात नहीं कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने सालाना 2 करोड़ नौकरियां देने और सभी के खाते में 15 लाख रुपये जमा करने का अपना वादा नहीं निभाया है. उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए कहा, “भाजपा ने न सिर्फ महाराष्ट्र में, बल्कि बिहार में मेरे ‘चाचा’ (नीतीश कुमार) के भी विधायक ले लिए. अब देश में सुनने को मिल रहा है कि पीएम मोदी ही गारंटी हैं. भाजपा नेताओं का कहना है कि पीएम मोदी की गारंटी सबसे मजबूत है. हम उनसे कहना चाहते हैं, ‘आपको जो गारंटी देनी है दे दीजिए, लेकिन यह भी गारंटी दीजिए कि मेरे चाचा अब पिफर नहीं पलटेंगे.’ चाचा चले गए, लेकिन बिहार की जनता हमारे साथ है. सर्वे कुछ भी दिखाए, लेकिन बिहार में सबको चौंकाने वाला परिणाम देखने को मिलेगा.”

राजद नेता ने कहा कि मौजूदा महाराष्ट्र सरकार में जो लोग हैं, वे नेता नहीं बल्कि डीलर हैं.

उन्होंने कहा, ”जो लोग डरे हुए थे, उन्होंने अपनी-अपनी पार्टियां छोड़ दीं और भाजपा से हाथ मिला लिया.” उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के नेता लड़ाकू हैं और ये किसी के भी दबाव के नहीं झुकेंगे.”

वंचित बहुजन अघाड़ी के संस्थापक प्रकाश अंबेडकर ने चुनावी बॉन्ड योजना को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की और सवाल उठाया कि सीमित मुनाफे वाली कोई कंपनी इन बॉन्ड में भारी मात्रा में निवेश कैसे कर सकती है.

उन्होंने भाजपा के ‘मोदी का परिवार’ अभियान को लेकर भी पीएम पर निशाना साधा.

अंबेडकर ने कहा कि मतदान में ईवीएम के इस्तेमाल के खिलाफ बोलने का भी समय आ गया है. उन्होंने कहा कि विपक्ष को चुनाव आयोग का ‘घेराव’ करना चाहिए.

राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा कि लड़ाई पीएम मोदी के खिलाफ नहीं है, बल्कि “विपक्ष के खिलाफ इस्तेमाल की जा रही ताकत के खिलाफ है.”

उन्होंने दावा किया कि भाजपा ईवीएम के बिना चुनाव नहीं जीत पाएगी. राहुल ने वीवीपैट का जिक्र करते हुए कहा, “हमने चुनाव आयोग से कहा कि यह मशीन विपक्षी पार्टी को दिखाएं… गहराई से दिखाएं. हमारे विशेषज्ञों को दिखाएं कि यह कैसे काम करती है. लेकिन उन्होंने नहीं दिखाया. वोट मशीनों में नहीं हैं. वोट कागज में है. आप मशीन चलाएं, लेकिन कागज भी गिनें. लेकिन वे कहते हैं कि वे कागज नहीं गिनेंगे.”

कांग्रेस से भाजपा में गए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण का नाम लिए बिना कांग्रेस नेता ने कहा कि कुछ लोग डरे हुए हैं.

उन्होंने कहा, ”एक वरिष्ठ नेता ने कांग्रेस छोड़ दी. उन्होंने रोते हुए मेरी मां से कहा, ‘सोनिया जी, मैं शर्मिंदा हूं, मुझमें इन लोगों के खिलाफ, इस ताकत के खिलाफ लड़ने की हिम्मत नहीं है. मैं जेल नहीं जाना चाहता’. हजारों लोग डरे हुए हैं. ऐसे ही डरे हुए शिवसेना के लोगों, एनसीपी के लोगों को भाजपा में शामिल कराया गया है.”

द्रमुक सुप्रीमो और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार भी रैली में मौजूद थे.

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