भारत ने बीते साल चीन से ज्यादा दोपहिया वाहन बेचे, ग्रामीण इलाकों में बढ़ी खपत से मिली मदद

नई दिल्ली, 4 दिसंबर . भारत में एंट्री-लेवल निर्माताओं की देश के ग्रामीण इलाकों में बढ़ती पहुंच के साथ ग्रामीण खपत में बीते साल जबरदस्त उछाल दर्ज किया गया. इस उछाल के कारण भारत ने 2023 में चीन से ज्यादा दोपहिया वाहन बेचे.

सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (एसआईएएम) के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में चीन में 16.6 मिलियन यूनिट दोपहिया वाहन बेचे गए, जबकि सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, वाहन डेटाबेस के अनुसार कैलेंडर वर्ष 2023 के लिए भारत में रजिस्टर्ड कुल दोपहिया वाहन 17.10 मिलियन थे.

सरकार ने 15 सितंबर, 2021 को ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी थी, जिसमें एडवांस्ड ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (एएटी) प्रोडक्ट के घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और ऑटोमोटिव मैन्युफैक्चरिंग वैल्यू चेन में निवेश आकर्षित करने के लिए 25,938 करोड़ रुपये का बजटीय खर्च शामिल है.

केंद्रीय भारी उद्योग और इस्पात मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में जानकारी दी कि 26 नवंबर तक, इस योजना के तहत पांच टू-व्हीलर ओरिजिनल इक्विप्मेंट मैन्युफैक्चरर्स (ओईएम) को मंजूरी दी गई है.

एएटी दोपहिया वाहन भी इस योजना के तहत निर्धारित बिक्री मूल्य पर 13 प्रतिशत से 18 प्रतिशत तक के प्रोत्साहन के लिए पात्र हैं.

एडवांस केमिस्ट्री सेल (एसीसी) के निर्माण के लिए पीएलआई योजना को 18,100 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ 12 मई, 2021 को मंजूरी दी गई थी. इस योजना में 50 गीगावाट घंटे की क्यूमलेटिव एसीसी बैटरी मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी स्थापित करने बात रखी गई है.

भारत में इलेक्ट्रिक पैसेंजर कार की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए इस वर्ष 15 मार्च को एसपीएमईपीसीआई को अधिसूचित किया गया था.

इस योजना के तहत, स्वीकृत आवेदकों को देश में इलेक्ट्रिक पैसेंजर कार के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की स्थापना के तहत 5 वर्षों के लिए 15 प्रतिशत की कम सीमा शुल्क पर पूरी तरह से बिल्ट-इन यूनिट का आयात करने की अनुमति दी जाएगी.

केंद्रीय मंत्री कुमारस्वामी ने कहा कि 28 नवंबर तक, पीएलआई-ऑटो योजना के तहत 82 स्वीकृत आवेदक हैं, जिनके पास पूरे भारत में कई मैन्युफैक्चरिंग सुविधाएं और इंजीनियरिंग रिसर्च और डिजाइन यूनिट हैं.

एसकेटी/केआर