New Delhi, 25 जून . Prime Minister Narendra Modi ने हाल ही में ईरान के President से बातचीत की और क्षेत्र में शांति का मार्ग अपनाने की अपील की. इस मुद्दे पर कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने से बातचीत में कहा कि यह कदम सकारात्मक है, लेकिन अपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि Prime Minister मोदी को केवल ईरान से ही नहीं, बल्कि इजरायल और अमेरिका के President डोनाल्ड ट्रंप से भी बात करनी चाहिए थी. India को शांति स्थापना में सार्थक भूमिका निभाने के लिए सभी प्रमुख पक्षों से संवाद करना जरूरी है. केवल एक पक्ष से बात करना उचित नहीं है.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर देशभर में कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रही है. इस पर तारिक अनवर ने तंज कसते हुए कहा, “बीजेपी को यह समझना चाहिए कि आपातकाल के बाद कांग्रेस ने चार बार चुनाव जीते हैं. अगर जनता को आपातकाल से इतनी नाराजगी होती, तो वह कांग्रेस को बार-बार सत्ता में नहीं लाती. इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया, लेकिन 28 महीने बाद जनता ने उन्हें फिर से Prime Minister चुना. यह दर्शाता है कि जनता ने उस समय इंदिरा गांधी को माफ कर दिया था.”
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि इंदिरा गांधी ने 1971 में शिमला समझौता अमेरिकी दबाव में किया था. इस पर अनवर ने कड़ा पलटवार करते हुए कहा, “उनको इतिहास का ज्ञान नहीं है. उन्हें इतिहास दोहराना चाहिए. इंदिरा गांधी ने वह कर दिखाया, जो दुनिया में शायद ही किसी ने किया. उन्होंने Pakistan के दो टुकड़े किए और 93,000 सैनिकों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर किया.”
पांच विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में आम आदमी पार्टी ने दो सीटें जीतीं. इस पर तारिक अनवर ने कहा, “कांग्रेस को उपचुनाव के परिणामों की समीक्षा करनी चाहिए. हमें अपनी कमजोरियों का विश्लेषण करना होगा और देखना होगा कि हमारा प्रदर्शन क्यों बेहतर नहीं रहा.”
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने घर-घर जाकर वोटरों का सत्यापन करने का फैसला किया है. अनवर ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा, “यह एक अच्छा निर्णय है. Maharashtra में जिस तरह की धांधली की शिकायतें आईं, उसके बाद चुनाव आयोग का यह कदम स्वागत योग्य है.”
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष पद के लिए लालू यादव का चुना जाना लगभग तय है. प्रशांत किशोर ने इसे महज दिखावा बताया है. इस पर अनवर ने कहा, “लालू यादव राजद के सर्वमान्य नेता हैं. जनता उन्हें चाहती है. हर पार्टी को अपने फैसले लेने का अधिकार है. कौन रोक सकता है?”
–
एकेएस/एबीएम