भारत ने ल‍िसोटो को 1,000 मीट्रिक टन चावल की खेप भेजी

नई दिल्ली, 20 दिसंबर . भारत ने शुक्रवार को ल‍िसोटो को मानवीय सहायता के तहत 1000 मीट्रिक टन चावल की खेप भेजी. इससे इस अफ्रीकी देश के लोगों की खाद्य सुरक्षा और पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी.

विदेश मंत्रालय (एमईए) ने बताया कि यह खेप न्हावा शेवा बंदरगाह से रवाना हुई.

भारत ने इससे पहले भी दोनों देशों के बीच सद्भावना और मित्रता के संकेत के रूप में और उप-सहारा अफ्रीकी राष्ट्र में अकाल और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण खाद्यान्न की कमी के दौरान पैदा हुए विनाशकारी प्रभाव को कम करने के लिए ऐसी सहायता की है.

साउथ-साउथ सहयोग के मार्गदर्शन में, भारत और लेसोथो विकास साझेदारी, व्यापार और आर्थिक संबंधों, ऊर्जा, कृषि, स्वास्थ्य, कला और संस्कृति और वाणिज्य दूतावास मामलों पर काम कर रहे हैं.

भारत हमेशा मुसीबत के समय अफ्रीका के साथ खड़ा रहा है. भारत ने अपनी महान ‘वैक्सीन मैत्री’ पहल के तहत कोविड-19 महामारी के दौरान अफ्रीका के 32 देशों को 150 टन चिकित्सा सहायता भी प्रदान की थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित अफ्रीकी देशों को भी राहत सामग्री प्रदान की है, चाहे वह जाम्बिया, मलावी, केन्या या मोजाम्बिक हो.

इस वर्ष की शुरुआत में विदेश मंत्री (ईएएम) एस. जयशंकर ने कहा था कि भारत-अफ्रीका के बीच इतिहास में गहरे चले आ रहे संबंधों को पीएम मोदी के 10 मार्गदर्शक सिद्धांतों द्वारा फिर से परिभाषित किया गया है.

इनमें स्थानीय क्षमता का निर्माण करके और स्थानीय अवसर पैदा करके अफ्रीका की क्षमता को मुक्त करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता शामिल है. भारतीय बाजारों को खुला रखना,अफ्रीका के विकास का समर्थन करने के लिए डिजिटल क्रांति के साथ भारत के अनुभव को साझा करना, सार्वजनिक सेवाओं की डिलीवरी में सुधार करना, अफ्रीका में शिक्षा का विस्तार करना और डिजिटल साक्षरता का प्रसार करना, अफ्रीका की कृषि में सुधार करना, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का समाधान करना और अन्य देशों के अलावा सभी देशों के लाभ के लिए महासागरों को खुला और मुक्त रखने के लिए अफ्रीकी देशों के साथ काम करना शामिल है.

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