पाक की परमाणु धमकी से हम डरने वाले नहीं, इजरायल-ईरान की मदद के लिए भारत तैयार : जयशंकर

New Delhi, 1 जुलाई . विदेश मंत्री एस जयशंकर ने India को एक सभ्यतागत राष्ट्र, बहुलतावादी लोकतंत्र, प्रतिभा का स्रोत, कूटनीतिक सेतु और वैश्विक दक्षिण की आवाज बताया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि India जल्द ही अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के साथ व्यापार समझौता करने में सफल होगा.

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने ‘न्यूजवीक’ के सीईओ डेव प्रगाड़ के साथ एक खास बातचीत में India की भूमिका और स्थिति पर अपने विचार साझा किए.

अमेरिका के साथ ट्रेड डील को लेकर जयशंकर ने कहा, ” हम एक बहुत ही जटिल व्यापार वार्ता के बीच में हैं, उम्मीद है कि बीच से भी अधिक बीच में. मेरी उम्मीद होगी कि हम इसे एक सफल निष्कर्ष पर ले जाएं. मैं गारंटी नहीं दे सकता, क्योंकि उस चर्चा में एक और पक्ष है. मुझे विश्वास है कि यह संभव है और मुझे लगता है कि हमें अगले कुछ दिनों तक इस क्षेत्र पर नजर रखनी होगी.”

उन्होंने कहा कि ट्रंप और India के Prime Minister Narendra Modi के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं. जयशंकर ने एशिया और प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रतिकार के रूप में काम करने वाले देशों के क्वाड के भीतर देशों के बीच संबंधों के महत्व को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि आपके पास चार देश हैं, एक तरह से इंडो-पैसिफिक के चार कोने, जिन्होंने वास्तव में यह तय किया है कि एक स्थिर या अधिक समृद्ध इंडो-पैसिफिक बनाने में उनकी साझा रुचि है और वे व्यावहारिक आधार पर काम करने के इच्छुक हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि India पड़ोसी चीन के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहता है. जयशंकर ने कहा कि हमारा अमेरिका के साथ बहुत अच्छा तालमेल है. साथ ही, हम चीन के सबसे बड़े पड़ोसी हैं.

साक्षात्कार में Pakistan से बातचीत के प्रस्ताव को लेकर भी सवाल किया गया. जिसे विदेश मंत्री ने सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, ” हम अब ऐसी नीति अपना रहे हैं जिसमें आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा. हम यह नहीं मानते कि आतंकी केवल प्रॉक्सी हैं और राज्य का कोई दोष नहीं है. Pakistan इस मामले में पूरी तरह शामिल है. India आतंकियों पर हमला करेगा और अपने लोगों की रक्षा करेगा. Pakistan के Prime Minister शहबाज शरीफ ने शांति वार्ता की बात कही, लेकिन जयशंकर ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद के बीच अन्य मुद्दों पर बातचीत संभव नहीं है.”

उन्होंने कहा कि आतंकवाद को पड़ोसी पर दबाव बनाने का हथियार नहीं बनाया जा सकता. एक अच्छा पड़ोसी और एक आतंकवादी एक साथ नहीं हो सकते. Pakistan को आतंकवाद खत्म करना होगा. इसके साथ ही उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि हम परमाणु हथियारों की धमकी से डरने वाले नहीं हैं. हम अपने लोगों की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएंगे.

इजरायल-ईरान के मध्य हुए संघर्ष को कम या खत्म करने के लिए India के शांति प्रस्ताव पर भी जयशंकर ने बात की. उन्होंने कहा कि India का इजरायल और ईरान दोनों के साथ अच्छा रिश्ता है. India दुनिया के उन कुछ देशों में से है जो दोनों से खुलकर और ईमानदारी से बात कर सकता है. India ने पहले भी ऐसा करने की कोशिश की है.

उन्होंने कहा कि यह मुद्दा बहुत जटिल है और आसानी से हल नहीं हो सकता. लेकिन अगर हम किसी भी तरह से मदद कर सकते हैं, चाहे वह इजरायल, ईरान, अमेरिका या आईएईए (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) के लिए हो, हम तैयार हैं.

जयशंकर ने आगे कहा कि अमेरिका की नीतियों में बदलाव से विश्व व्यवस्था में बड़ा बदलाव आ रहा है. पहले जैसी गठबंधन-केंद्रित दुनिया अब कम हो रही है. अब देश अपने हितों को अधिक स्वतंत्र रूप से आगे बढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि चीन और India का उदय, रूस की स्थिति और देशों का अपने हितों को प्राथमिकता देना, दुनिया को अधिक व्यक्तिगत और स्वतंत्र दिशा में ले जा रहा है.

पीएसके/केआर