नई दिल्ली, 13 सितंबर . भारत को ग्लोबल साइबरसिक्योरिटी इंडेक्स (जीसीआई) में टियर 1 देशों में जगह मिली है. इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन (आईटीयू) द्वारा इसे जारी किया जाता है.
‘जीसीआई 2024’ ने इस बार पांच टियर एनालिसिस का उपयोग की है. इसमें विभिन्न देशों द्वारा साइबर सिक्योरिटी में की गई प्रगति को ट्रैक किया जाता है.
इस रिपोर्ट में सबसे उच्च श्रेणी टियर 1 में 46 देशों को जगह दी गई है. इन देशों को “रोल मॉडलिंग” नाम दिया गया है, जिन्होंने साइबर सुरक्षा के सभी अहम पहलुओं पर मजबूत प्रतिबद्धता दिखाई है.
ग्लोबल साइबर सिक्योरिटी इंडेक्स 2024 में बताया गया कि भारत ने कानूनी, तकनीकी, क्षमता विस्तार और कॉरपोरेशन जैसे उपायों में अच्छा प्रदर्शन किया है. संस्थागत उपाय में और विकास की संभावना है.
आईटीयू के टेलीकॉम डेवलपमेंट ब्यूरो को डायरेक्टर कॉसमस लकीसन जवाजावा ने कहा कि ग्लोबल साइबरसिक्योरिटी इंडेक्स 2024 में शामिल देशों ने साइबर सुरक्षा के जरूरी एरिया जैसे कानूनी, तकनीकी, क्षमता विस्तार और कॉरपोरेशन फ्रेमवर्क में काफी अच्छा काम किया है. इससे हादसों का रिस्पॉन्स देने की क्षमता में विस्तार हुआ है.
जवाजावा ने आगे कहा कि आईटीयू के साइबर सिक्योरिटी प्रोजेक्ट्स और प्रोग्राम देशों की साइबर खतरों को मैनेज करने में मदद कर रहे हैं.
रिपोर्ट में बड़े खतरों के बारे में भी बताया गया है, जिसमें सरकारी सेवाओं और अन्य सेक्टर को टारगेट करने वाले रैनसमवेयर अटैक, कोर इंडस्ट्रीज को प्रभावित करने वाले साइबर हमले, लोगों की निजता पर होने वाले साइबर हमले आदि शामिल हैं.
आईटीयू जनरल सेक्रेटरी डोरेन बोगडान-मार्टिन ने कहा कि आज के डिजिटल वर्ल्ड में विश्वास बनाना सबसे अहम है. ग्लोबल साइबर सिक्योरिटी इंडेक्स में हुई बढ़त दिखाती है कि हमें लगातार साइबर हमलों का कुशल तरीके से प्रबंधन करने पर ध्यान देना चाहिए.
रिपोर्ट में आगे बताया गया कि कानूनी उपाय साइबर सिक्योरिटी में सबसे अहम पिलर है. दुनिया के 177 देशों में निजी डेटा की सुरक्षा, डेटा चोरी होने आदि को लेकर कोई न कोई नियम बना हुआ है या फिर इसे बनाने का प्रोसेस शुरू हो चुका है.
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एबीएस/केआर