नई दिल्ली, 6 जुलाई . कांग्रेस नेता डॉ. उदित राज ने प्यू रिसर्च सेंटर की उस रिपोर्ट को सिरे से खारिज किया हैं जिसमें भारत को लोकतांत्रिक देशों की सूची में दूसरे स्थान पर रखा गया है. उन्होंने इसे बकवास करार दिया.
समाचार एजेंसी से खास बातचीत में उन्होंने कहा, “यह बकवास का रिसर्च है. सब मैनेजमेंट है. यहां लोकतंत्र खत्म हो चुका है. भारत में अगर कोई विरोध करता है तो उसे ईडी, सीबीआई से डराया जाता है या जेल में डाल दिया जाता है. हम चुनाव नहीं जीत पा रहे क्योंकि धांधली से जीत हो रही है. महाराष्ट्र इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. विरोध की कोई आवाज सुनाई नहीं देती क्योंकि विरोध करने वालों को सरकारी एजेंसियों के जरिए दबा दिया जाता है.”
वहीं, नीरव मोदी के भाई नेहल की अमेरिका में गिरफ्तारी भी उदित राज को स्टंट लगती है. उन्होंने कहा कि जब तक नेहल मोदी भारत नहीं आता और उसे सजा नहीं होती, तब तक इस गिरफ्तारी को कोई उपलब्धि नहीं माना जा सकता. नेहल की गिरफ्तारी भारत के रिक्वेस्ट पर हुई, इसको लेकर कांग्रेस नेता ने कहा कि भारत की रिक्वेस्ट पर कुछ नहीं होने वाला. रिक्वेस्ट तो सिर्फ अखबारों की सुर्खियों के लिए होती है. 2019 में पीएम मोदी ने कहा था कि हम इनको गेट तक खींच लाए हैं, बस जेल में डालना बाकी है. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या हुआ नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, और विजय माल्या का? चौकसी को बेल्जियम में पकड़ा गया था, फिर छोड़ दिया गया. हो सकता है नेहल मोदी को भी छोड़ दिया जाए.
इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लगाई थी, फिर डिक्टेटर कौन हुआ, पीएम मोदी या फिर इंदिरा? इस पर उदित राज ने कहा कि वो तो घोषित इमरजेंसी थी, लेकिन आज की स्थिति अघोषित आपातकाल जैसी है. यह ग्यारह साल से चल रही है. आम जनता और विपक्ष के लिए यह दमनकारी युग है. प्रेस स्वतंत्रता में भारत 142वें स्थान पर है, तो लोकतंत्र में दूसरा स्थान कैसे मिल गया? यह सब मैनेजमेंट है. जिस संस्था ने यह सर्वे किया है, उसे बंद कर देना चाहिए.
उन्होंने पाकिस्तान के संदर्भ में कहा कि भारत का हर मोर्चे पर अंतरराष्ट्रीय समर्थन कमजोर हो रहा है. पाकिस्तान के साथ युद्ध की स्थिति में एक भी देश भारत के साथ नहीं आया.
बिहार में कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या पर राहुल गांधी की टिप्पणी का समर्थन करते हुए उदित राज ने कहा कि राहुल गांधी ने जो कहा बिल्कुल सही कहा है. पटना आज अपराध की राजधानी बन गया है. खेमका के बेटे की हत्या छह साल पहले हुई थी, और आज फिर उसी तरह की हत्या हुई है. वीआईपी इलाकों में हत्याएं हो रही हैं और अपराधी अब तक पकड़े नहीं गए हैं, ऐसे में सवाल तो उठेगा ही.
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पीएसके/केआर