नई दिल्ली, 29 मई . भारत और मंगोलिया की सेना एक संयुक्त सैन्य अभ्यास करने जा रही हैं. यह अभ्यास मंगोलिया में होगा. संयुक्त सैन्य अभ्यास की एक महत्वपूर्ण बात यह है कि यहां दोनों सेनाएं साइबर युद्ध संबंधित एक्सरसाइज करने जा रही हैं.
इसके अलावा, दोनों देशों के सैनिक एक-दूसरे के परिचालन अनुभवों से भी सीखेंगे. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, भारतीय सेना की एक टुकड़ी गुरुवार को 17वें संस्करण के भारत-मंगोलिया संयुक्त सैन्य अभ्यास नोमैडिक एलिफैंट में भाग लेने के लिए रवाना हो गई.
यह अभ्यास 31 मई से 13 जून 2025 तक मंगोलिया की राजधानी उलानबटोर में आयोजित किया जाएगा. नोमैडिक एलिफैंट एक वार्षिक अभ्यास है, जिसे भारत और मंगोलिया में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है. इसका पिछला संस्करण जुलाई 2024 में भारत के मेघालय स्थित उमरोई में संपन्न हुआ था.
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि संयुक्त सैन्य अभ्यास में भारतीय टुकड़ी में कुल 45 सैनिक शामिल हैं, जिनका प्रतिनिधित्व मुख्य रूप से अरुणाचल स्काउट्स बटालियन द्वारा किया जाएगा. मंगोलियाई सशस्त्र बलों की टुकड़ी की संख्या भी लगभग भारत के ही समान है. इस टुकड़ी का प्रतिनिधित्व मंगोलियाई 150 विशेष बल की यूनिट करेगी.
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह अभ्यास संयुक्त राष्ट्र के अधीन अर्ध-शहरी और पर्वतीय क्षेत्रों में होगा. इसका उद्देश्य अर्ध-पारंपरिक अभियानों में संयुक्त टास्क फोर्स के संचालन के दौरान दोनों सेनाओं के बीच अंतरसंचालन (इंटरऑपरेबिलिटी) को बढ़ाना है. अभ्यास के दौरान प्लाटून स्तर पर फील्ड ट्रेनिंग एक्सरसाइज की जाएगी. इसमें सहनशीलता प्रशिक्षण, रिफ्लेक्स शूटिंग, रूम इंटरवेंशन, स्मॉल टीम टैक्टिक्स और रॉक क्राफ्ट ट्रेनिंग जैसी गतिविधियां शामिल होंगी.
इसके अतिरिक्त, इस संस्करण में अभ्यास की जटिलता बढ़ाने के लिए साइबर युद्ध संबंधित पहलुओं को भी शामिल किया गया है. दोनों देशों के सैनिक एक-दूसरे के परिचालन अनुभवों से भी सीखेंगे. भारत का मानना है कि यह अभ्यास भारत और मंगोलिया की क्षेत्रीय सुरक्षा, शांति और स्थिरता के प्रति साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है. नोमैडिक एलिफैंट भारत-मंगोलिया संबंधों को क्षेत्रीय सहयोग का आधार स्तंभ बनाते हुए मजबूत सैन्य संबंधों और सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देता है.
यह अभ्यास भारत और मंगोलिया के बीच मित्रता, विश्वास और सांस्कृतिक संबंधों का प्रमाण है, जो व्यापक रक्षा सहयोग की दिशा में एक सार्थक पेशेवर सहभागिता की नींव रखता है.
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जीसीबी/डीएससी