नई दिल्ली, 8 जनवरी . भारत और मालदीव के बीच बुधवार को नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय वार्ता हुई. इस वार्ता में समुद्री सुरक्षा को लेकर भारत एवं मालदीव के बीच आपसी साझेदारी पर चर्चा हुई. मालदीव सरकार के अनुरोध पर, भारत ने मालदीव को रक्षा उपकरण और भंडार सौंपे हैं. दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने रक्षा क्षेत्र से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर भी चर्चा की.
दोनों ही पक्षों ने वार्ता के दौरान भारत-मालदीव व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के लिए संयुक्त दृष्टिकोण को साकार करने में मिलकर काम करने की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को मालदीव के रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन मौमून के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. इस वार्ता में उन्होंने द्विपक्षीय रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग के विभिन्न पहलुओं की व्यापक समीक्षा की.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मालदीव की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुसार और रक्षा तैयारियों के लिए क्षमता वृद्धि में मालदीव को समर्थन देने की बात कही. उन्होंने नई दिल्ली की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति और सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) के दृष्टिकोण के अनुरूप भी मालदीव को समर्थन की पुष्टि की. इसके तहत मालदीव की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए रक्षा प्लेटफार्मों और परिसंपत्तियों का प्रावधान शामिल है.
मालदीव के रक्षा मंत्री मौमून ने मालदीव के लिए ‘प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता’ के रूप में भारत की ऐतिहासिक भूमिका की सराहना की. उन्होंने रक्षा और सुरक्षा कर्मियों के प्रशिक्षण और आधुनिक अवसंरचना क्षमताओं को बढ़ाने में माले की सहायता के लिए नई दिल्ली को धन्यवाद दिया.
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि मालदीव के रक्षा मंत्री मौमून भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर हैं. यह यात्रा दोनों पक्षों के बीच निरंतर उच्च स्तरीय संपर्कों का हिस्सा है. इसने दोनों देशों और हिंद महासागर क्षेत्र के पारस्परिक लाभ के लिए द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा संबंधों को और गहरा करने का अवसर प्रदान किया है.
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जीसीबी/एबीएम