कांडला बंदरगाह पर भारत निर्मित 1 मेगावाट ग्रीन हाइड्रोजन पावर प्लांट का संचालन हुआ शुरू

गांधीनगर, 1 अगस्त . केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने Gujarat के कांडला स्थित दीनदयाल पत्तन प्राधिकरण (डीपीए) में स्वदेशी रूप से निर्मित 1 मेगावाट क्षमता वाले ग्रीन हाइड्रोजन पावर प्लांट का उद्घाटन किया.

यह प्लांट सालाना लगभग 140 मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करने में सक्षम है और समुद्री डीकार्बोनाइजेशन तथा स्थायी बंदरगाह संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है.

Union Minister सोनोवाल ने पूरी तरह से भारतीय इंजीनियरों द्वारा निर्मित एक पूर्णतः आत्मनिर्भर, भविष्य के लिए तैयार हाइड्रोजन इकोसिस्टम की स्थापना की प्रशंसा की और इसे देश भर के बंदरगाहों के लिए पर्यावरण के अनुकूल और नवीन तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरणा बताया.

उन्होंने बंदरगाह पर संचालन के लिए देश के पहले मेड इन इंडिया ऑल इलेक्ट्रिक ग्रीन टग पूर्व तैनाती का हवाला देते हुए हरित पहलों के प्रति डीपीए की निरंतर प्रतिबद्धता की भी सराहना की.

26 मई को भुज की यात्रा के दौरान Prime Minister द्वारा 10 मेगावाट क्षमता वाले ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट की आधारशिला रखी गई, जिसे याद करते हुए Union Minister सोनोवाल ने परियोजना के त्वरित क्रियान्वयन की सराहना की.

10 मेगावाट की बड़ी परियोजना के हिस्से के रूप में, केवल चार महीनों के भीतर 1 मेगावाट मॉड्यूल का चालू होना, India के ग्रीन हाइड्रोजन इकोसिस्टम के कार्यान्वयन के लिए एक नए मानक को दर्शाता है.

Union Minister ने कहा, “डीपीए ने उस दृष्टिकोण को वास्तविकता में बदल दिया है, जो मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 के तहत गति, पैमाने और कौशल का एक शानदार उदाहरण है.”

Union Minister सोनोवाल ने कहा कि यह उपलब्धि Prime Minister Narendra Modi के दूरदर्शी नेतृत्व में India के हरित परिवर्तन का एक शक्तिशाली प्रतीक है और नेट जीरो उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए राष्ट्र की प्रतिबद्धता को पुष्ट करती है.

Union Minister ने डीपीए के नेतृत्व और एलएंडटी की इंजीनियरिंग उत्कृष्टता की सराहना करते हुए कहा, “मैं अध्यक्ष के नेतृत्व में डीपीए की पूरी टीम की सराहना करता हूं और इस जटिल परियोजना को उल्लेखनीय गति और सटीकता के साथ पूरा करने के लिए एलएंडटी के इंजीनियरों की सराहना करता हूं.”

उद्घाटन के अवसर पर Union Minister सोनोवाल के साथ केंद्रीय राज्य मंत्री ठाकुर, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय सचिव टी.के. रामचंद्रन, डीपीए के अध्यक्ष सुशील कुमार सिंह के अलावा, मंत्रालय, बंदरगाह और एलएंडटी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

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