मेल्बर्न, 11 अप्रैल . मेलबर्न स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास के परिसर में उपद्रवी तत्वों द्वारा की गई तोड़फोड़ की घटना के बाद भारत ने इस मुद्दे को ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के समझ उठाया है. यह जानकारी केनबरा स्थित भारतीय उच्चायोग ने शुक्रवार को दी.
भारतीय उच्चायुक्त ने शुक्रवार की शाम को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मेलबर्न स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास परिसर में शरारती तत्वों द्वारा तोड़फोड़ की घटना का मामला ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के समक्ष उठाया गया है. देश में भारतीय राजनयिक, वाणिज्य दूतावास परिसरों और कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.”
इससे पहले दिन में स्थानीय मीडिया ने जानकारी दी कि मेलबर्न में भारतीय महावाणिज्य दूतावास को एक बार फिर निशाना बनाया गया, 344 सेंट किल्डा रोड पर स्थित राजनयिक परिसर के मुख्य प्रवेश द्वार पर भित्तिचित्र पाए गए हैं. यह घटना कथित तौर पर 10 अप्रैल की सुबह करीब 1 बजे हुई.
ऑस्ट्रेलिया टुडे ने विक्टोरिया पुलिस के प्रवक्ता के हवाले से कहा, “अधिकारियों का मानना है कि इमारत के सामने वाले हिस्से पर बुधवार 9 और गुरुवार 10 अप्रैल के बीच किसी रात में भित्ति चित्र बनाए गए. नुकसान की जांच अभी भी जारी है.”
यह पहली बार नहीं है कि मेलबर्न में भारतीय महावाणिज्य दूतावास या हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया गया हो ज्यादातर मौके पर दीवारों पर भारत विरोधी भित्तिचित्र बनाए गए. नई दिल्ली ने बार-बार ऑस्ट्रेलियाई सरकार से इसे लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया है और उसे त्वरित कार्रवाई करने और अपराधियों को सजा देने के लिए कहा है.
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए एक भारतीय मूल के ऑस्ट्रेलियाई नागरिक ने कहा कि यह सिर्फ एक भित्तिचित्र नहीं है, बल्कि यह हमारे समुदाय को निशाना बनाकर दी गई एक धमकी है.
बता दें कि 2013 में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज की भारत की आधिकारिक यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आस्ट्रेलिया में खालिस्तान समर्थकों की तरफ से भारत विरोधी गतिविधियों और मंदिरों को निशाना बनाए जाने को लेकर लिए गहरी चिंता व्यक्त की थी.
उस वक्त अल्बनीज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भरोसा दिलाया था कि उनकी सरकार भारत की चिंता पर गहरी सूझबूझ रखती है. उनकी सरकार जल्दी ही अस्ट्रेलिया में शांति और भाईचारा बहाल करने के लिए जरूरी कदम उठाएगी.
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