वाशिंगटन, 19 जुलाई . ‘भारत-पाकिस्तान’ संघर्ष पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अपने दावे हैं, लेकिन वैश्विक परिदृश्य में उनकी बात का समर्थन करने वाला कोई देश अब तक सामने नहीं आया है. यहां तक कि भारत दो टूक शब्दों में कह चुका है कि ‘संघर्ष-विराम’ आपसी सहमति से हुआ, जिसमें तीसरे किसी देश का दखल नहीं था. मतलब यह कि भारत स्पष्ट तौर पर डोनाल्ड ट्रंप के दावों को खारिज कर चुका है. हालांकि, इस बौखलाहट में अमेरिकी राष्ट्रपति कहीं न कहीं जबरन क्रेडिट लेने की कोशिश में हर जगह अपने बयानों को दोहरा रहे हैं. इस बार उन्होंने एक कदम आगे बढ़ते हुए ‘5 फाइटर जेट गिराए जाने’ वाला दावा किया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि मई में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष के दौरान “पांच लड़ाकू विमान मार गिराए गए थे.” अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने इस दावे को भी दोहराया कि उनके हस्तक्षेप के बाद लड़ाई समाप्त हो गई. हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप ने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये फाइटर जेट भारत के थे या पाकिस्तान के, या दोनों देशों को मिलाकर उन्होंने यह संख्या बताई.
डोनाल्ड ट्रंप Friday (18 जुलाई) को रिपब्लिकन सीनेटरों के लिए आयोजित रात्रिभोज के दौरान व्हाइट हाउस में बोल रहे थे. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “हमने कई युद्धों को रोका, और ये कोई मामूली नहीं थे. भारत और पाकिस्तान के बीच जो कुछ चल रहा था, वह गंभीर था. वहां विमान मार गिराए जा रहे थे. मेरा मानना है कि लगभग पांच लड़ाकू विमान गिराए गए थे.”
उन्होंने आगे कहा, “ये दोनों गंभीर परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं और वे एक-दूसरे पर हमला कर रहे थे. ये एक नई तरह की जंग जैसा लग रहा था.”
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने इस बीच ईरान का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, “आपने हाल ही में देखा, जब हमने ईरान में कार्रवाई की. हमने उनकी परमाणु क्षमता को पूरी तरह खत्म कर दिया, बिल्कुल नष्ट कर दिया. लेकिन भारत और पाकिस्तान आपस में भिड़े हुए थे और यह टकराव लगातार बढ़ रहा था. हमने इसे व्यापार के जरिए हल किया. हमने कहा कि अगर आप व्यापार समझौता करना चाहते हैं, तो ऐसा नहीं हो सकता कि आप हथियार, और शायद परमाणु हथियार, इधर-उधर फेंक रहे हों.”
पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने 7 मई को पाकिस्तान के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था. इन हमलों के बाद चार दिनों तक संघर्ष चला, जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति के साथ समाप्त हुआ.
10 मई के बाद से डोनाल्ड ट्रंप ने कई मौकों पर अपने इस दावे को दोहराया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को ‘समाप्त’ कराया, जबकि ट्रंप के ‘संघर्ष समाप्त’ कराने के दावे को भारत नकार चुका है.
जून में Prime Minister Narendra Modi ने सीधे डोनाल्ड ट्रंप से बात की थी, जिसमें ‘अमेरिका की कथित ट्रेड डील रोकने की धमकी और मध्यस्थता के दावों’ को सिरे से खारिज किया गया. Prime Minister मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को स्पष्ट कहा, “पूरे घटनाक्रम के दौरान कभी भी, किसी भी स्तर पर, भारत-अमेरिका ट्रेड डील या अमेरिका द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता जैसे विषयों पर बात नहीं हुई थी.”
Prime Minister मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत ने न तो कभी मध्यस्थता स्वीकार की थी, न करता है, और न ही कभी करेगा. इस विषय पर भारत में पूर्ण रूप से राजनैतिक एकमत है.
उस समय Prime Minister ने राष्ट्रपति ट्रंप से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में विस्तार से बात की. Prime Minister मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि 22 अप्रैल के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का अपना दृढ़ संकल्प पूरी दुनिया को बता दिया था. अमेरिका के राष्ट्रपति के सामने Prime Minister मोदी ने यह भी कहा था कि ‘भारत ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि पाकिस्तान की गोली का जवाब भारत गोले से देगा.’
अहम पहलू यह भी था कि Prime Minister मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से मिलने में भी असमर्थता दिखाई थी. विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इसकी जानकारी दी थी. बताया था कि राष्ट्रपति ट्रंप ने Prime Minister मोदी से पूछा कि क्या वे कनाडा से वापसी में अमेरिका रुक कर जा सकते हैं, लेकिन पूर्व-निर्धारित कार्यक्रमों के कारण Prime Minister मोदी ने अपनी असमर्थता व्यक्त कर दी थी.
हालांकि, इसी बौखलाहट में डोनाल्ड ट्रंप के बयान नहीं रुके हैं और कहीं न कहीं आए दिन नए दावों से विश्व स्तर पर एक सनसनी फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.
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डीसीएच/