भारत ऊर्जा में लगातार आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा है: हरदीप पुरी

नई दिल्ली, 27 मई . केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि भारत का ऊर्जा भविष्य तेजी से आकार ले रहा है और लगातार आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि कब भारत की तेल की मांग अपने उच्चतम स्तर पर होगी.

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हम मौजूदा समय में हर साल 150 अरब डॉलर से ज्यादा के कच्चे तेल का आयात कर रहे हैं. अगर ग्लोबल ग्रीन हाइड्रोजन प्राइस में गिरावट आती है तो इससे सस्टेनेबल एनर्जी में क्रांति आ सकती है.”

केंद्रीय मंत्री पुरी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में यह क्रांति आएगी.

देश ने ग्रीन हाइड्रोजन डेवलपमेंट में काफी प्रगति की है और 19 कंपनियों को प्रतिवर्ष 8,62,000 टन (टीपीए) की उत्पादन क्षमता आवंटित की है. 15 फर्मों को 3,000 मेगावाट वार्षिक इलेक्ट्रोलाइजर मैन्युफैक्चरिंग क्षमता प्रदान की है.

देश ने स्टील, मोबिलिटी और शिपिंग क्षेत्रों में पायलट प्रोजेक्ट्स भी शुरू किए हैं. भारत ने पहले ही 223 गीगावाट से अधिक की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता स्थापित कर ली है, जिसमें 108 गीगावाट की सौर ऊर्जा क्षमता और 51 गीगावाट की पवन ऊर्जा क्षमता शामिल है, जिससे भारत वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ते रिन्यूएबल एनर्जी बाजारों में से एक बन गया है.

रिन्यूएबल एनर्जी की ओर बदलाव की गति को बढ़ाने के लिए सरकार ने 2023 में नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन लॉन्च किया था. इसके लिए शुरुआत में 2.4 अरब डॉलर की राशि आवंटित की गई थी.

केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने हाल ही में देश में ग्रीन हाइड्रोजन सर्टिफिकेशन स्कीम शुरू की, जो ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन को प्रमाणित करने और पारदर्शिता के साथ बाजार की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत ढांचा बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.

एबीएस/