नई दिल्ली, 17 मई . भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की वार्षिक बिजनेस समिट में कोटक महिंद्रा बैंक के संस्थापक और निदेशक उदय कोटक ने कहा कि भारत तेजी से निवेशकों का देश बन रहा है. यह बदलाव काफी उत्साहजनक है.
पैनल में बातचीत के दौरान कोटक ने कहा, “अगर भारत को अपने भविष्य को वित्त पोषित करना है तो पूंजीगत बाजार इसके लिए एक विशाल इंजन है. म्यूचुअल फंड में एसआईपी तेजी से बढ़ रही है और एयूएम में भी काफी तेजी से इजाफा हो रहा है. हमें पूंजी आधारित बाजार बनाने की इच्छा को लेकर स्पष्ट होना होगा, लेकिन, हम बाजार की स्थिरता को नहीं छोड़ सकते. हमने अपने बाजारों में वृद्धि देखी है. हमें फंडामेंटल का ध्यान रखना होगा, क्योंकि स्टॉक बाजार का आखिरी उद्देश्य पूंजी बनाना होता है. इसलिए, अटकलें, लेन-देन, मात्रा में वृद्धि इस मूलभूत लक्ष्य के लिए महत्वपूर्ण साधन हैं कि यह देश के विकास के लिए पूंजी जुटाने की इच्छुक कंपनियों के लिए इंजन होनी चाहिए.”
कोटक ने आगे कहा कि भारत में निवेशकों का विकास होना चाहिए और उन्हें पूंजीगत बाजार में पूंजी बनाने के पूरे मौके मिलने चाहिए. जोखिम को कम करने के लिए मध्यस्थता होना भी पूंजीगत मार्केट के विकास के लिए अनिवार्य है.
भारत के 16वें वित्त कमीशन के चेयरमैन, अरविंद पनगढ़िया ने ग्रामीण और शहरी अर्थव्यवस्थाओं के एकीकरण के मुद्दे पर कहा कि हमने पिछले दो दशकों में काफी तरक्की की है. पिछले दो दशकों में डॉलर ने 7.9 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की है. इस दौरान हमने वित्तीय संकट और कोविड जैसी महामारी का सामना किया है. अभी हमारी अर्थव्यवस्था, जिस दर से बढ़ रही है, 2027-28 तक हम देश की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे.
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एबीएस/एबीएम