भारत मध्य पूर्व में शांति का रहा समर्थक, सभी देशों को मिलकर करनी चाहिए चर्चा : मिलिंद देवड़ा

मुंबई, 23 जून . शिवसेना नेता मिलिंद देवड़ा ने मध्य पूर्व में शांति स्थापना और भारत की विदेश नीति पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि भारत हमेशा से मध्य पूर्व में शांति का समर्थक रहा है. जब भी युद्ध के बादल मंडराते हैं, भारत का रुख स्पष्ट रहा है. हम शांति के पक्षधर हैं और इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहते. सभी देशों को मिलकर चर्चा करनी चाहिए ताकि ईरान, इजरायल और अमेरिका जैसे देशों के बीच जल्द से जल्द शांति स्थापित हो.

मध्य पूर्व में मौजूदा राजनीतिक अस्थिरता पर चिंता जताते हुए देवड़ा ने कहा कि भारत के लिए जो सबसे चिंताजनक विषय है वह यह है कि भारतीय बहुत सारे लोग मध्य पूर्व में काम करते हैं. सभी मध्य पूर्व देशों में वर्तमान में एक प्रकार से राजनीतिक अस्थिरता है. उस अस्थिरता के वातावरण के वजह से बहुत से लोग वापस आना चाहते हैं. भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द सुरक्षित वापस लाना और उनके परिवारों तक उनको पहुंचाना सरकार का प्रमुख दायित्व है. उनको जल्द से जल्द रेस्क्यू करके वापस लाना चाहिए. यह भारत सरकार की प्राथमिकता है और मुझे पूरा यकीन है कि केंद्र सरकार के माध्यम से जल्द से जल्द लोग वापस आएंगे.

उन्होंने हाल ही में ईरान के राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किए गए फोन कॉल का जिक्र करते हुए कहा कि यह कॉल, जो 35 मिनट से अधिक समय तक चला, भारत के वैश्विक कद और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विश्वास को दर्शाता है. पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने विश्व में शांति का संदेश फैलाने का बीड़ा उठाया है. यह भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक सफलता है. मुझे यकीन है कि उनकी पहल से मध्य पूर्व में जल्द ही शांति स्थापित होगी और संघर्षविराम (सीजफायर) होगा.

देवड़ा ने मध्य पूर्व की स्थिति का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा इस पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, “मध्य पूर्व, विशेष रूप से ईरान कच्चे तेल के निर्यात में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इस क्षेत्र में अस्थिरता का असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है. इसलिए सभी देशों को मिलकर इस तनाव का शांतिपूर्ण समाधान निकालना चाहिए.”

देवड़ा ने भारत की विदेश नीति की तारीफ करते हुए कहा कि भारत के मध्य पूर्व के सभी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध हैं. हमारे इस्लामिक देशों और इजरायल दोनों के साथ अच्छे संबंध हैं. भारत कई देशों से कच्चा तेल और गैस आयात करता है, साथ ही प्रौद्योगिकी और रक्षा उपकरणों का भी आयात करता है. मध्य पूर्व में बसे भारतीय प्रवासियों का वहां की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है. भारत किसी एक पक्ष का समर्थन नहीं करता, बल्कि सभी देशों को साथ लेकर शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में काम करना चाहता है.

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के उस बयान पर, जिसमें उन्होंने ईरान का समर्थन करने की बात कही थी, देवड़ा ने सावधानी से प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “मैंने उनका बयान नहीं देखा, लेकिन भारत की विदेश नीति किसी एक देश के पक्ष में नहीं है. हम सभी देशों के साथ संतुलित संबंध रखते हैं और यही हमारी ताकत है.”

आतंकवाद के मुद्दे पर बोलते हुए देवड़ा ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हालिया कार्रवाई की सराहना की. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के सिलसिले में एनआईए ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने पाकिस्तान से आए आतंकवादियों को शरण दी थी. देवड़ा ने कहा, “एनआईए के अधिकारियों को मैं बधाई देता हूं. उनकी जांच से कई अहम सुराग मिले हैं. मुझे विश्वास है कि दोषियों को जल्द ही न्याय के कटघरे में लाया जाएगा.”

उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर कठोर चेतावनी देते हुए कहा, “पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देता है, जबकि भारत शांति और विकास का पक्षधर है. अगर हमारे पास सबूत हैं कि पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों में शामिल है, तो हम उसे सबक सिखाने में सक्षम हैं.”

उन्होंने भारत की आर्थिक प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत आज विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जो अपनी संस्कृति, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के लिए जाना जाता है, जबकि पाकिस्तान आतंकवाद को पोषित करने वाले के तौर पर जाना जाता है. भारत का उद्देश्य गरीबी उन्मूलन, आर्थिक मजबूती और शांति स्थापना है. हम चाहते हैं कि सभी देश मिलकर बातचीत करें, हथियारों का सहारा न लें. भारत की ताकत उसकी एकता, कूटनीति और वैश्विक विश्वास में निहित है.

एकेएस/जीकेटी