New Delhi, 9 सितंबर . भारत, ईरान और आर्मेनिया के बीच तीसरी त्रिपक्षीय परामर्श बैठक 8 सितंबर 2025 को तेहरान में आयोजित हुई. यह बैठक तीनों देशों के बीच बढ़ते द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई.
भारत, ईरान और आर्मेनिया के बीच तीसरी त्रिपक्षीय परामर्श बैठक की सह-अध्यक्षता भारत के संयुक्त सचिव (पीएआई) आनंद प्रकाश, ईरान के विदेश मंत्रालय के दक्षिण एशिया महानिदेशक मोहम्मद रेजा बहरामी और आर्मेनिया के विदेश मंत्रालय की एशिया-प्रशांत विभाग प्रमुख अनाहित करापेत्यान ने की.
तीनों पक्षों ने त्रिपक्षीय परामर्श के नियमित और वार्षिक आयोजन पर गहरा संतोष व्यक्त किया. उन्होंने अप्रैल 2023 में आर्मेनिया की राजधानी येरेवन में हुई पहली बैठक और दिसंबर 2024 में New Delhi में आयोजित दूसरी बैठक के निर्णयों की समीक्षा की. इन बैठकों से उत्पन्न प्रगति पर चर्चा करते हुए, प्रतिनिधियों ने आपसी हितों की रक्षा और काकेशस तथा मध्य एशिया क्षेत्र में समृद्धि व कल्याण को बढ़ावा देने के उद्देश्यों पर जोर दिया.
बैठक में संपर्क (कनेक्टिविटी) के क्षेत्र पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया. अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (आईएनएसटीसी) को मजबूत बनाने और आर्मेनिया की महत्वाकांक्षी ‘क्रॉस रोड ऑफ पीस’ प्रोजेक्ट में सहयोग के विस्तार पर सहमति बनी. आईएनएसटीसी, जो भारत को ईरान के चाबहार बंदरगाह से जोड़कर यूरोप तक पहुंच प्रदान करता है, क्षेत्रीय व्यापार को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
आर्मेनिया की ‘क्रॉस रोड ऑफ पीस’ प्रोजेक्ट काकेशस क्षेत्र को मध्य एशिया और यूरोप से जोड़ने का एक नया माध्यम है, जिसमें भारत की रुचि निवेश और तकनीकी सहयोग के रूप में बढ़ रही है. दोनों पक्षों ने आर्थिक, व्यापारिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में नई पहलों की समीक्षा की, जिसमें ऊर्जा, कृषि और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं. ईरान ने चाबहार बंदरगाह के विकास में भारत की भागीदारी का स्वागत किया, जबकि आर्मेनिया ने आईटी और पर्यटन क्षेत्र में संयुक्त प्रोजेक्ट का प्रस्ताव रखा.
इसके अलावा, तीनों देशों ने वैश्विक चुनौतियों जैसे जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और ऊर्जा सुरक्षा पर विचार-विमर्श किया. भारत ने अपनी ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति के तहत इन देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई. बैठक के अंत में, अगले त्रिपक्षीय परामर्श के आयोजन पर सहमति बनी, जो 2026 में आर्मेनिया में होगा. यह निर्णय त्रिपक्षीय ढांचे को और संस्थागत बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है.
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एससीएच/जीकेटी