अक्षय ऊर्जा में निवेश बढ़ा रहा भारत : हरजीत सिंह

नई दिल्ली, 22 अक्टूबर . जीवाश्म ईंधन अप्रसार संधि पहल के वैश्विक सहभागिता निदेशक हरजीत सिंह ने मंगलवार को कहा कि अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश में वृद्धि हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि यह जलवायु परिवर्तन से निपटने में देश के प्रयासों में योगदान दे रहा है.

एनडीटीवी वर्ल्ड समिट के दौरान से बात करते हुए सिंह ने जलवायु परिवर्तन और विकसित देशों की जिम्मेदारियों के बारे में हुई महत्वपूर्ण बातचीत पर जोर दिया. उन्होंने कहा, “हमारे बीच कुछ अच्छी बातचीत हुई, खासकर विकसित देशों की भूमिका के बारे में, जिन्होंने अभी तक उत्सर्जन कम करने, जीवाश्म ईंधन से दूर जाने और विकासशील देशों की आर्थ‍िक मदद करने में अपनी जिम्मेदारियों को पूरा नहीं किया है.”

हरजीत सिंह ने इन मुद्दों के समाधान में भारत की नेतृत्वकारी भूमिका पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, “हमने उत्सर्जन को कम करने, नवीकरणीय ऊर्जा का विस्तार करने और साथ ही जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निपटने में भारत के नेतृत्व पर चर्चा की.”

उन्होंने शिखर सम्मेलन की सराहना करते हुए कहा कि यह महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने और मौजूदा संकटों से निपटने के लिए विकासशील और विकसित दोनों देशों के साथ सहयोग करने के भारत के प्रयासों को प्रदर्शित करने के लिए एक महत्‍वपूर्ण मंच है.

जलवायु परिवर्तन की समस्‍या के समाधान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए सिंह ने कहा, “हमने प्रधानमंत्री से वैश्विक चुनौतियों, खासकर जलवायु परिवर्तन के संबंध में हमारे द्वारा उठाए जा रहे सकारात्मक कदमों के बारे में सुना. भारत ने नेतृत्व का प्रदर्शन किया है, चाहे वह इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास में हो, एलईडी के उपयोग में हो या ऊर्जा दक्षता में वृद्धि में. हम नवीकरणीय ऊर्जा में अपने निवेश को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा रहे हैं, जिसने जलवायु परिवर्तन की समस्‍या के समाधान की द‍िशा में बहुत योगदान दिया है.”

हालांकि, सिंह ने शेष चुनौतियों को स्वीकार किया और विकसित देशों से अधिक समर्थन का आह्वान किया.

उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि विकसित देशों से और अधिक धन और प्रौद्योगिकी आए, जिससे हमें नवीकरणीय ऊर्जा की ओर तेजी से बढ़ने और जीवाश्म ईंधन से दूर होने में मदद मिले. उन्‍होंने कहा क‍ि सकारात्मक द‍िशा में कार्य हो रहा है, लेकिन अभी भी स्थानीय चुनौतियां हैं, खासकर हमारे पर्यावरण की सुरक्षा के मामले में, और हमें यहीं पर अपने प्रयासों को केंद्रित करने की जरूरत है.”

आरके/