नई दिल्ली, 2 नवंबर . रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा हाल ही में ब्रिटेन से 102 टन सोना वापस लाया गया है. इसी के साथ ही भारत का सोना भंडार 855 टन हो गया है. इस बीच अर्थशास्त्री और भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता संजू वर्मा ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में भारत, दुनिया का आठवां सबसे बड़ा स्वर्ण भंडार है.
संजू वर्मा ने कहा, “पिछले कुछ महीनों में आरबीआई ने बैंक ऑफ इंग्लैंड की तिजोरियों से 102 टन सोना भारत वापस लाया है. पिछले 2 सालों में ही आरबीआई ने 214 टन से अधिक सोना भारतीय तटों पर वापस लाया है. मौजूदा स्थिति के अनुसार, आरबीआई के पास कुल 855 टन सोना है, जिसमें से 510.5 टन सोना आरबीआई के पास घरेलू स्तर पर है.”
उन्होंने भारत के लिए गोल्ड के महत्व को बताया. उन्होंने कहा, “सोना मुद्रास्फीति के खिलाफ एक बड़ा बचाव है. मुद्रा जोखिम हो या भू-राजनीतिक अनिश्चितता इन सबके लिए सोना एक बेहतरीन बचाव है और सोना जोखिम पोर्टफोलियो को विविध बनाने का एक अच्छा साधन है, इसलिए आरबीआई ने विदेशों में पड़े सोने को वापस लाकर बिल्कुल सही काम किया है, जो तेजी से भारतीय तटों पर आ रहा है.”
उन्होंने आगे कहा, “महत्वपूर्ण बात यह है कि हाल के वर्षों में हमने घटनाएं देखी हैं, जिनमें से एक कोविड-19 महामारी है जो बीते 102 वर्षों में सबसे बड़ी महामारी थी और दूसरा रूस-यूक्रेन युद्ध है. इन चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिदृश्यों के बीच केंद्रीय बैंकरों के लिए अपने जोखिमों को कम करना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, और यही काम भारतीय रिजर्व बैंक कर रहा है.”
भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता संजू वर्मा ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में भारत के पास दुनिया का 8वां सबसे बड़ा सोने का भंडार हैं. 1991 की बात करें तो उस समय भारत का विदेशी मुद्रा भंडार नए निम्न स्तर पर पहुंच गया थे और भारत को 47 टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ जापान के पास गिरवी रखना पड़ा था.
उन्होंने आगे कहा, “आज भारत के पास चीन, जापान और स्विट्जरलैंड के बाद दुनिया का चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार है. इस साल 4 अक्टूबर को आजादी के बाद पहली बार हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 700 अरब डॉलर को पार कर 705 अरब डॉलर के उच्च स्तर को छू गया है. हाल के दिनों में यह संख्या 685 से लेकर 689 अरब डॉलर के बीच रही है. आज हमारे पास 49 सप्ताह से अधिक के आयात को कवर करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार है. भारत दुनिया भर में भू-राजनीतिक उथल-पुथल के बीच अपनी स्थिति को बनाए रखने के मामले में ठीक है.”
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एफएम/एएस