भारत के पास विशाल घरेलू बाजार, अमेरिकी टैरिफ कोई बड़ी समस्या नहीं : मार्क मोबियस

New Delhi, 7 अगस्त . अरबपति निवेशक मार्क मोबियस ने Thursday को कहा कि भारत पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ का देश पर काफी कम असर होगा, क्योंकि यहां विशाल घरेलू बाजार मौजूदा है.

समाचार एजेंसी से बातचीत करते हुए दिग्गज निवेशक ने कहा कि भारत चीन की तरह पूर्ण रूप से निर्यात पर निर्भर नहीं है. इस कारण देश अन्य अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले टैरिफ से डील करने के लिए अच्छी स्थिति में है.

उन्होंने आगे कहा, “भारत का घरेलू बाजार बहुत बड़ा है और वह चीन की तरह निर्यात पर निर्भर नहीं है. इसके अलावा, भारतीय सॉफ्टवेयर निर्यात भी अच्छा है और यह टैरिफ से बचाने में मदद करेगा.”

मोबियस ने से आगे कहा,”इसका सारांश यह है कि टैरिफ भारत के लिए बड़ी समस्या नहीं है.”

अमेरिका की ओर से दवाइयों और कुछ इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं जैसे स्मार्टफोन, सेमीकंडक्टर और ऊर्जा से जुड़े 30 अरब डॉलर से ज्यादा मूल्य के शिपमेंट को अभी तक हाई टैरिफ लिस्ट से बाहर रखा गया है. ट्रंप प्रशासन ने इन प्रमुख उद्योगों को अभी तक नए टैरिफ में शामिल नहीं किया है, जो अगले 21 दिनों में लागू होने वाले हैं.

इसके अलावा, भारत ने वित्त वर्ष 25 में क्रमशः 10.5 अरब डॉलर और 14.6 अरब डॉलर मूल्य की दवाओं और फार्मास्यूटिकल्स के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों (ज्यादातर स्मार्टफोन) का निर्यात किया है, जो अमेरिका को उसके कुल निर्यात का 29 प्रतिशत है. वित्त वर्ष 25 में 4.09 अरब डॉलर मूल्य का पेट्रोलियम निर्यात भी फिलहाल ट्रंप के नए टैरिफ से सुरक्षित हैं, क्योंकि ऊर्जा को हाई टैरिफ की सूची से बाहर रखा गया है.

वित्त वर्ष 25 में अमेरिका को भारत ने 86.51 अरब डॉलर का निर्यात किया था.

मोबियस के अनुसार, भारत जिस तरह की जीडीपी वृद्धि देख रहा है, वह उसे दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर आगे बढ़ने में मदद करेगी.

मोबियस ने कहा, “वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद देश 6-7 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल कर रहा है, जो इसकी अर्थव्यवस्था के मजबूती को दर्शाता है. इससे भारत को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी.”

पिछले कुछ ही वर्षों में, भारत दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. 2025 में कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मामले में भारत केवल अमेरिका, चीन और जर्मनी से पीछे रहेगा.

एबीएस/