नई दिल्ली, 23 जुलाई . पेरिस ओलिंपिक 2024 का इंतजार अब खत्म होने वाला है. जल्द ही खेल के इस महाकुंभ में कई देशों के युवा और अनुभवी खिलाड़ी एक दूसरे को चुनौती देंगे. फैंस बेसब्री से खिलाड़ियों को इस मंच पर देखने का इंतजार कर रहे हैं. वहीं, इस बीच भारत की उम्मीदें अपने खिलाड़ियों से मेडल के साथ-साथ मिशन 2036 की दावेदारी मजबूत करने पर भी है.
साल 2036 में भारत को कैसे ओलंपिक की दावेदारी मिले, इसको लेकर पीएम मोदी सरकार 3.0 में खेल मंत्रालय ने तैयारी तेज कर दी है. इस मिशन की अगुवाई खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं, जो खिलाड़ियों से भी इस सपने को साकार करने में योगदान देने का आग्रह कर रहे हैं.
भारतीय दल के पेरिस रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने पेरिस ओलंपिक जा रहे खिलाड़ियों से व्यक्तिगत और आनलाइन बातचीत की. इस दौरान उन्होंने ओलंपिक 2036 की मेजबानी को लेकर खिलाड़ियों को आश्वस्त किया. साथ ही पीएम ने खिलाड़ियों से इस दावे को मजबूत करने के लिए पेरिस में व्यवस्थाओं का अनुभव साझा करने का आग्रह भी किया.
भारत से 117 एथलीट देश के पदकों की संख्या बढ़ाने की जी-जान से तैयारी कर रहे हैं. पिछली बार टोक्यो ओलंपिक में भारत ने सात पदक हासिल किए, जो अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था. इस बार यह देखते हुए कि देश की निगाहें 2036 के ओलंपिक का आयोजन हासिल करने पर हैं, इसलिए खेलों के प्रोत्साहन पर धन झोंक रही सरकार दो अंकों में पदकों की आस लगाए हुए है.
पेरिस में पदक संख्या में सुधार होने पर एक खेल राष्ट्र के रूप में भारत का प्रोफाइल बेहतर होगा और भविष्य में ओलंपिक की मेजबानी को लेकर भारत की आकांक्षाओं के लिए मदद मिलेगी.
भारत ओलंपिक 2036 की मेजबानी के लिए बोली लगाने को तैयार है. भारत सरकार खेलों की मेजबानी के लिए आईओए यानी भारतीय ओलंपिक संघ की बोली का समर्थन करेगी. सूत्रों की माने तो केंद्र सरकार ओलंपिक की मेजबानी हासिल करने के लिए एक विशेष कमेटी का गठन करेगी. यह कमेटी ओलंपिक के आयोजन के संबंध में नियमित रूप से चर्चा करेगी. चाहे इस मिशन को लेकर कॉर्डिनेशन की बात हो, इन्फ्रास्ट्रक्चर से संबंधित ढांचा हो या कोई भी महत्वपूर्ण पहलू, हर चीज पर बारीकी से नजर रखी जाएगी.
ओलंपिक खेल का आयोजन 1896 से हो रहा है. आज तक भारत में इसका आयोजन नहीं हुआ है. भारत कॉमनवेल्थ गेम्स से लेकर जी20 जैसे बड़े आयोजनों की मेजबानी कर चुका है. ओलंपिक का अब तक विकसित देशों में ही आयोजन होता रहा है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में विकासशील देशों में इसके आयोजन की मांग तेज हुई है. 2032 तक के ओलंपिक का फैसला हो चुका है. इस कड़ी में 2036 के ओलंपिक का भारत प्रबल दावेदार है.
–
एएमजे/आरआर