भारत ग्रीन हाइड्रोजन इंडस्ट्री में लीडर के रूप में उभर रहा, लो-कॉस्ट आपूर्तिकर्ता बनने की क्षमता: रिपोर्ट

New Delhi, 28 सितंबर . India ग्रीन हाइड्रोजन इंडस्ट्री में लीडर के रूप में उभर रहा है और देश में लो-कॉस्ट हाइड्रोजन आपूर्तिकर्ता बनने की क्षमता है. यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई.

एसएंडपी ग्लोबल की रिपोर्ट में कहा गया, “India की लो-कॉस्ट हाइड्रोजन आपूर्तिकर्ता बनने की क्षमता, मजबूत प्रतिस्पर्धियों के खिलाफ अपनी शुरुआती गति को बनाए रखने और ऑफटेक समझौतों को सुरक्षित करने पर निर्भर करती है.”

रिपोर्ट में कहा गया है कि India अपने एसेट्स बेस के चलते ग्रीन हाइड्रोजन सेक्टर के विकास में दुनिया का नेतृत्व करने की स्थिति में है.

रिपोर्ट में हाइड्रोजन क्षमताएं विकसित करने में India की प्रभावशाली प्रगति और ग्लोबल हाइड्रोजन इंडस्ट्री में देश की अग्रणी भूमिका के बारे में बताया गया.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 4 जनवरी, 2023 को 19,744 करोड़ रुपए के बजट के साथ नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दी थी. इस पहल का उद्देश्य India को ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन, उपयोग और निर्यात के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है, जिसका लक्ष्य 2030 तक 50 लाख मीट्रिक टन वार्षिक उत्पादन और वैश्विक व्यापार में 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी हासिल करना है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय डेवलपर्स कम लागत का लाभ प्राप्त करने की उम्मीद कर रहे हैं, जो उनकी भौगोलिक स्थिति के अलावा, यूरोपीय संघ, जापान और दक्षिण कोरिया को निर्यात को सक्षम बना सकता है.

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 26 सितंबर को India के पहले “हाइड्रोजन राजमार्गों” का शुभारंभ किया था, जिससे देश की ग्रीन हाइड्रोजन पहलों को गति मिली.

इस परियोजना में लंबी दूरी के हाइड्रोजन-चालित माल ढुलाई को समर्थन देने के लिए रणनीतिक राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों के साथ हाइड्रोजन ईंधन स्टेशन स्थापित करना शामिल है.

Government ने हाल ही में हाइड्रोजन इनोवेशन में स्टार्ट-अप्स को समर्थन देने के लिए प्रस्तावों के लिए 100 करोड़ रुपए के आह्वान की भी घोषणा की.

इस योजना में हाइड्रोजन उत्पादन, भंडारण, परिवहन और उपयोग प्रौद्योगिकियों में पायलट परियोजनाओं के लिए प्रति परियोजना 5 करोड़ रुपए तक का आवंटन किया गया है.

एबीएस/