टोक्यो, 25 अगस्त . जापान में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज ने Monday को जापानी संसद के निचले सदन के अध्यक्ष फुकुशिरो नुकागा से मुलाकात की. इस दौरान दोनों के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा हुई.
बैठक के बाद जापान स्थित भारतीय दूतावास ने एक्स पर लिखा, ”राजदूत सिबी जॉर्ज ने फुकुशिरो नुकागा के साथ भारत और जापान के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों और मानव संसाधन के आदान-प्रदान में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की.”
इससे पहले राजदूत जॉर्ज ने सुमितोमो मित्सुई ट्रस्ट समूह के समूह अध्यक्ष तोरु ताकाकुरा से मुलाकात की और भारत और जापान के बीच वित्तीय संबंधों को बढ़ाने पर चर्चा की.
जापान स्थित भारतीय दूतावास ने एक्स पर पोस्ट किया, “राजदूत सिबी जॉर्ज ने टोक्यो स्थित भारतीय दूतावास में सुमितोमो मित्सुई ट्रस्ट समूह के अध्यक्ष तोरु ताकाकुरा का स्वागत किया और भारत-जापान वित्तीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर उपयोगी चर्चा की.
सिबी जॉर्ज ने टोक्यो स्थित त्सुकिजी होंगवानजी मंदिर के धार्मिक मामलों के उप प्रमुख रेव. तोमोहिरो किमुरा से भी मुलाकात की. इस दौरान दोनों देशों के बीच बौद्ध आदान-प्रदान को मजबूत करने के प्रयासों पर चर्चा हुई .
ये बैठकें 29-30 अगस्त को Prime Minister Narendra Modi की जापान दौरे से पहले हुई हैं. जापानी समकक्ष शिगेरु इशिबा के निमंत्रण पर Prime Minister मोदी 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे. Prime Minister मोदी की जापान की यह आठवीं यात्रा और इशिबा के साथ पहली शिखर बैठक होगी.
यात्रा से पहले विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा कि यात्रा के दौरान दोनों Prime Minister भारत और जापान के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी की समीक्षा करेंगे. दोनों शीर्ष नेता रक्षा, व्यापार और अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और नवाचार और लोगों के आदान-प्रदान के अलावा क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर चर्चा करेंगे. यह यात्रा दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे विशेष मैत्री बंधन को मजबूत करेगी.
इससे पहले जून में, Prime Minister Narendra Modi ने कनाडा के कनानास्किस में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान शिगेरु इशिबा से मुलाकात की थी. इस दौरान दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने की प्रतिबद्धता जताई थी.
भारत और जापान के बीच मित्रता और साझेदारी का एक लंबा इतिहास रहा है. यह आध्यात्मिक आत्मीयता और मजबूत सांस्कृतिक एवं सभ्यतागत संबंधों पर आधारित है. 2006 में रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी, 2014 में विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी 2000 में हुई वैश्विक साझेदारी से भारत-जापान संबंध मजबूत हुए थे. 2006 से दोनों देशों के बीच नियमित वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित होते रहे हैं.
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विपुल/एसके/जीकेटी