New Delhi, 2 सितंबर . India तेजी से घरेलू स्तर पर सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम का निर्माण कर रहा है और Tuesday को सेमीकॉन इंडिया 2025 में इंडस्ट्री लीडर्स ने कहा कि देश 2047 से पहले दुनिया का सेमीकंडक्टर पावरहाउस बन सकता है.
सेमीकॉन इंडिया के साइडलाइन में समाचार एजेंसी से बातचीत करते हुए इंडस्ट्री लीडर्स ने कहा कि India की मजबूत प्रतिभा, सहायक नीतियां और अंतरराष्ट्रीय साझेदारियां इस परिवर्तन को आगे बढ़ाने वाले प्रमुख कारक हैं.
एसईएमआई (सेमीकंडक्टर इक्विपमेंट एंड मटेरियल्स इंटरनेशनल) के सीईओ और प्रेसिडेंट ने कहा कि India का सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम तेज वृद्धि के रास्ते पर है.
उन्होंने से कहा, “अगर India की मौजूदा रफ्तार जारी रहती है, तो देश 2047 तक सेमीकंडक्टर का पावरहाउस बना सकता है.”
चिप निर्माण में वैश्विक परस्पर निर्भरता के महत्व पर जोर देते हुए, मनोचा ने कहा कि India को वैल्यू चेन में अपना सही स्थान खोजना होगा, जिसकी शुरुआत असेंबली और परीक्षण से होगी, जबकि आने वाले वर्षों में बड़े वेफर फैब आने की उम्मीद है.
उन्होंने Prime Minister Narendra Modi के दृष्टिकोण “India की सबसे छोटी चिप सबसे बड़ा बदलाव लाएगी” का भी समर्थन किया और बताया कि सेमीकंडक्टर अब आधुनिक जीवन का आधार हैं.
मीडियाटेक इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर अंकु जैन ने कहा कि सेमीकॉन इंडिया 2025 देश के लिए एक मील का पत्थर है. इससे सेमीकंडक्टर क्षेत्र में देश को घरेलू स्तर पर क्षमताएं विकसित करने में मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा, “India में घरेलू स्तर पर बनी चिप्स 2025 के अंत तक बाजार में आ जाएंगी और 1.60 लाख करोड़ रुपए की वैल्यू के 10 फेब्रिकेशन प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दे दी गई है. सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री विकसित करके India केवल एक इंडस्ट्री का निर्माण नहीं कर रहा, बल्कि अरबों लोगों तक टेक्नोलॉजी को पहुंचा रहा है.”
जैन ने कहा कि India एक तेजी से बढ़ता हुआ बाजार है. अधिक रिसर्च एंड डेवलपमेंट टैलेंट का विशाल पूल, सपोर्टिव इकोसिस्टम, देश को मीडियाटेक के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार बनाते हैं.
गति शक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनोज चौधरी ने कहा कि India अभी सेमीकंडक्टर निर्माण के शुरुआती चरण में है, लेकिन प्रगति तेजी से हो रही है.
उन्होंने कहा, “अगले 10-20 वर्षों में, India वैश्विक स्तर पर अपनी एक मजबूत पहचान बनाएगा. दुनिया की 20 प्रतिशत डिजाइन टैलेंट पहले से ही यहां मौजूद हैं और डीएलआई जैसी योजनाओं से मिलने वाले समर्थन के साथ, स्वदेशी चिप डिजाइन और निर्माण को काफी बढ़ावा मिलेगा.”
एमर्सन के कंट्री हेड और डायरेक्टर शीतेंद्र भट्टाचार्य ने कहा कि Government सही नीति बनाकर इंडस्ट्री को सपोर्ट कर रही है और स्थानीय कंपनियां इनोवेशन पर फोकस कर रही है. मुझे लगता है कि अगले 10 वर्षों में देश इनोवेशन में काफी आगे बढ़ सकता है. इससे आत्मनिर्भरता में मदद मिलेगी.
उन्होंने आगे कहा कि देश के पास एक बड़ा बाजार है. हर इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद में सेमीकंडक्टर का उपयोग होता है. इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद हर व्यक्ति की जरूरत है ऐसे में आने वाले समय में सेमीकंडक्टर सेक्टर देश की जीडीपी में बढ़ा योगदान देगा.
कायन्स सेमीकॉन प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ रघु पैनिकर ने कहा कि यह इवेंट बहुत बड़ा मौका है. इससे उत्पादकों को इंडस्ट्री के लोगों से मिलने और अपना प्रोडक्ट दिखाने का अवसर मिलता है, जिससे विकास के नए अवसर खुलते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि देश में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम का विकसित करने पर Government का फोकस होना बहुत अच्छा संकेत है, क्योंकि आज के समय में सीलिंग फैन से लेकर कार और रेलवे आदि में सेमीकंडक्टर का उपयोग हो रहा है. ऐसे में अगर इनका उत्पादन स्थानीय स्तर पर होता है तो प्रोडक्ट्स की लागत में कमी आएगी.
डेल्टा इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के बिजनेस हेड- इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन एसबीपी डॉ. संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि आज के समय में हर इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट में सेमीकंडक्टर का उपयोग किया जा रहा है. India भी एक बड़ा बाजार है. ऐसे में यह इंडस्ट्री 2047 तक विकसित India बनाने में काफी योगदान देगी.
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एबीएस/