भारत 40 देशों से खरीदता है तेल, रूसी तेल पर अमेरिकी प्रतिबंध को लेकर कोई चिंता नहीं : हरदीप पुरी

New Delhi, 17 जुलाई . केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने Thursday को कहा कि India ने वैश्विक बाजार में तेल खरीदने के अपने स्रोतों में विविधता ला दी है, इसलिए Government रूस के तेल निर्यात पर अमेरिका की किसी भी कार्रवाई को लेकर चिंतित नहीं है.

ऊर्जा वार्ता 2025 में Union Minister पुरी ने कहा कि India वर्तमान में 40 देशों से तेल खरीदता है, जबकि 2007 में यह संख्या 27 थी और वैश्विक बाजार में इसकी पर्याप्त आपूर्ति है.

Union Minister पुरी ने कहा, “बाजार में बहुत सारा तेल उपलब्ध है. ईरान और वेनेजुएला वर्तमान में प्रतिबंधों के अधीन हैं. लेकिन क्या वे हमेशा के लिए प्रतिबंधों के अधीन रहेंगे? ब्राजील, कनाडा और अन्य सहित कई देश उत्पादन बढ़ा रहे हैं. मैं अभी आपूर्ति को लेकर अनावश्यक रूप से चिंतित नहीं हूं. हमने अपने स्रोतों में विविधता ला दी है.”

Union Minister का यह बयान अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर सेकेंड्री सेंक्शन लगाने की घोषणा की पृष्ठभूमि में आया है.

15 जुलाई को ट्रंप ने धमकी दी थी कि अगर यूक्रेन के साथ 50 दिनों के भीतर शांति समझौता नहीं हुआ तो वे रूस पर गंभीर व्यापार प्रतिबंध लगा देंगे. ट्रंप ने कहा कि रूसी निर्यात पर अमेरिकी टैरिफ 100 प्रतिशत तक बढ़ा दिए जाएंगे साथ ही उन्होंने रूस से तेल खरीदने वाले India और चीन जैसे देशों पर प्रतिबंध लगाने की भी धमकी दी.

ट्रंप की धमकियों पर Union Minister पुरी ने कहा, “मैंने ये धमकियां सुनी हैं. कुछ बयान दो विवादित पक्षों के बीच किसी मुद्दे को सुलझाने के लिए दिए जाते हैं.”

Union Minister पुरी ने आगे कहा कि मॉस्को से India की तेल खरीद ने वैश्विक बाजार में कीमतों को स्थिर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

उन्होंने कहा कि 2022 में जब यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ, तब भारत-रूस तेल व्यापार के अभाव में कच्चे तेल की कीमतें 130 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती थीं.

रूस-यूक्रेन युद्ध से पहले India अपने कच्चे तेल के आयात का मात्र 0.2 प्रतिशत मॉस्को से खरीदता था. आज यह लगभग 40 प्रतिशत है.

Union Minister ने कहा कि रूसी कच्चे तेल की कीमत हमेशा 60 डॉलर प्रति बैरल की सीमा के अंतर्गत रही है, लेकिन उस पर कभी प्रतिबंध नहीं लगे. उन्होंने कहा कि India प्रतिबंधों के अधीन किसी देश से कच्चा तेल न खरीदने के अपने रुख पर अड़ा हुआ है.

Union Minister पुरी ने इस महीने की शुरुआत में कहा, “रूस प्रतिदिन 90 लाख बैरल से ज्यादा उत्पादन के साथ दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल उत्पादकों में से एक है. कल्पना कीजिए कि अगर यह तेल, जो लगभग 9.7 करोड़ बैरल की वैश्विक तेल आपूर्ति का लगभग 10 प्रतिशत है, बाजार से गायब हो जाता तो क्या होता. इससे दुनिया को अपनी खपत कम करने पर मजबूर होना पड़ता और क्योंकि उपभोक्ता आपूर्ति की तलाश में होते, इसलिए कीमतें 120-130 डॉलर से भी ज्यादा हो जातीं.”

एसकेटी/