लंदन की नई विकास योजना में भारत बना टॉप निवेशक

नई दिल्ली, 10 मार्च . लंदन की महत्वाकांक्षी नई ‘विकास योजना’ में भारत लीडिंग इन्वेस्टर के रूप में उभरा है. इस योजना का उद्देश्य शहर की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना और 27 बिलियन पाउंड ज्यादा टैक्स जुटाना है.

रिपोर्ट के अनुसार, इस राजस्व का इस्तेमाल लंदन और यूके में आवश्यक सार्वजनिक सेवाओं को सपोर्ट करने के लिए किया जाएगा.

लंदन के मेयर सादिक खान और विकास एजेंसी लंदन एंड पार्टनर्स द्वारा पेश की गई इस योजना का उद्देश्य अगले दस वर्षों में उत्पादकता में सालाना आधार पर 2 प्रतिशत की वृद्धि करना है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर यह सफल रहा तो यह 2035 तक लंदन की अर्थव्यवस्था को 107 बिलियन पाउंड बड़ा बना सकता है.

भारत ने पिछले तीन वर्षों में लंदन के साथ मजबूत आर्थिक जुड़ाव दिखाया है.

यह 2022-23 में शहर का सबसे बड़ा एफडीआई योगदानकर्ता बनने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका से आगे निकल गया.

लंदन एंड पार्टनर्स की सीईओ लॉरा सिट्रोन के अनुसार, भारतीय टेक्नोलॉजी कंपनियां लंदन में अपने परिचालन का तेजी से विस्तार कर रही हैं.

उन्होंने कहा कि भारतीय छात्र और पर्यटक लंदन के अंतरराष्ट्रीय समुदाय का एक प्रमुख हिस्सा बन गए हैं.

2023-24 के आधिकारिक डेटा से पता चलता है कि 38,625 भारतीय छात्र लंदन में पढ़ रहे थे, जो पिछले एक दशक में शानदार वृद्धि को दर्शाता है.

शहर में सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों में उनकी हिस्सेदारी 5 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत से अधिक हो गई है.

लंदन हायर में अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के अध्यक्ष मार्क हर्टलीन ने इस ट्रेंड का स्वागत किया और कहा कि भारतीय छात्र दोनों देशों के बीच स्थायी संबंध बनाते हैं.

व्यापार क्षेत्र में भी भारतीयों की मजबूत उपस्थिति देखी गई है.

भारतीय आईटी दिग्गज एमफैसिस के एक वरिष्ठ कार्यकारी आशीष देवलेकर ने ग्लोबल इनोवेशन हब के रूप में लंदन के महत्व पर प्रकाश डाला.

उन्होंने बताया कि एमफैसिस लंदन में अपने परिचालन का विस्तार कर रहा है और अपने नए लंदन इनोवेशन हब के जरिए अपने कर्मचारियों की संख्या को दोगुना करने की योजना बना रहा है.

यह केंद्र आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी पर ध्यान केंद्रित करेगा.

लंदन विकास योजना को व्यवसायों, ट्रेड यूनियनों और स्थानीय समुदायों के सहयोग से विकसित किया गया है.

इसका उद्देश्य उत्पादकता को पुनर्जीवित करना है, जो 2008 के ग्लोबल वित्तीय संकट के बाद से स्थिर बनी हुई है.

योजना कुशल प्रतिभाओं को विकसित करने, बिजनेस इनोवेशन का सपोर्ट करने, हाउसिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करने और लंदन की स्थानीय मुख्य सड़कों को मजबूत करने पर केंद्रित है.

एसकेटी/एएस