हॉकी के सेमीफाइनल में भारत, पेनल्टी शूट आउट में ग्रेट ब्रिटेन को हराया (लीड-1)

पेरिस, 4 अगस्त . भारत ने ग्रेट-ब्रिटेन को पेरिस ओलंपिक की हॉकी प्रतियोगिता के क्वार्टर फाइनल में रविवार को शूटआउट में 4-2 से हरा कर सेमीफाइनल में जगह बना ली है. निर्धारित 60 मिनट तक दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर रहीं. इसके बाद शूटआउट के जरिए विजेता का फैसला हुआ. पीआर श्रीजेश एक बार फिर अपनी स्मार्ट गोलकीपिंग से टीम की जीत के हीरो रहे.

शूटआउट में भारत ने अपने चार निशाने साधे, जबकि ग्रेट-ब्रिटेन दो निशाने ही लगा पाया. पिछले टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले भारत ने इस जीत के साथ सेमीफाइनल में जगह बना ली है. जीतने के बाद भारतीय खिलाड़ी और समर्थक खुशी से झूम उठे. 1972 म्यूनिख ओलंपिक के बाद यह पहला मौका जब भारत लगातार दो ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंचा है.

मैच के पहले 15 मिनट गोलरहित रहे. दोनों ही टीमों ने एक दूसरे को कड़ी टक्कर दी. इसके बाद मैच के दूसरे क्वार्टर में भारतीय हॉकी टीम ने धांसू वापसी की है. कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने गोल करके भारत को ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ 1-0 से आगे कर दिया . हालांकि, ये बढ़त ज्यादा देर तक भारत के पक्ष में नहीं रही और ली मोर्टन ने गोल करके ग्रेट ब्रिटेन को 1-1 की बराबरी दिला दी. हाफटाइम तक स्कोर 1-1 से बराबरी पर रहा और अंत तक दोनों ही टीमें स्कोर आगे बढ़ाने में सफल नहीं रही.

अपना आखिरी ओलंपिक खेल रहे पीआर श्रीजेश ने एक बार फिर अपने अनुभव का पूरा लाभ उठाते हुए शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने 60 मिनट में शानदार बचाव किए और फिर पेनल्टी शूटआउट में महत्वपूर्ण बचाव करके और अपनी स्मार्ट गोलकीपिंग से ब्रिटेन के कोनोर विलियमसन को वाइड हिट करने पर मजबूर करके टीम के लिए जीत की राह मुमकिन की.

यह भारत के लिए एक प्रेरणादायक प्रदर्शन था क्योंकि उन्होंने एक खिलाड़ी कम होने के बावजूद लगभग 43 मिनट खेला, लेकिन उन्होंने योद्धाओं की तरह लड़ाई लड़ी और ग्रेट ब्रिटेन को पछाड़ने और सेमीफाइनल में पहुँचने में सफल रहे.

अमित रोहितदास को इस मुकाबले के 17वें मिनट में रेड कॉर्ड दिखाया गया. ये भारतीय टीम के लिए बड़ा झटका था, क्योंकि मैच के पहले क्वार्टर के बाद से ही टीम के एक मुख्य खिलाड़ी को बाहर बैठना पड़ा और फिर भारतीय टीम ने 10 खिलाड़ियों से खेलने के बावजूद शूटऑउट में जीत दर्ज की.

अमित की स्टिक विल कैललन के चेहरे पर लगी थी, ऐसे में जर्मनी के वीडियो अंपायर का मानना था कि अमित ने जानबूझकर ऐसा किया है. ऐसे में मैदानी अंपायर ने वीडियो अंपायर की सलाह पर अमित को रेड कार्ड दिखा दिया. लेकिन भारतीय खिलाड़ियों का मानना था कि ये जानबूझकर नहीं हुआ है. वीडियो अंपायर यदि येलो कार्ड देते तो ज्यादा उचित होता. लेकिन जीत के बाद भारतीय खिलाड़ियों को इस घटना का मलाल नहीं रहा.

एएमजे/आरआर