New Delhi, 1 अगस्त . केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा है कि India जापान को पीछे छोड़कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक बन गया है, जो देश के स्वच्छ ऊर्जा विकास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है.
अंतरराष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी (आईआरईएनए) के आंकड़ों का हवाला देते हुए Union Minister ने बताया कि India ने 1,08,494 गीगावाट-घंटे (जीडब्ल्यूएच) सौर ऊर्जा का उत्पादन किया, जो जापान के 96,459 गीगावाट-घंटे उत्पादन से अधिक है.
Union Minister ने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा, “India ने सौर ऊर्जा उत्पादन में जापान को पीछे छोड़ दिया है. जापान के 96,459 गीगावाट-घंटे की तुलना में देश ने 1,08,494 गीगावाट-घंटे का उत्पादन किया है और अब यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक बन गया है.”
उन्होंने आगे लिखा, Prime Minister नरेंद्र के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण, India वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा क्रांति में अग्रणी भूमिका निभा रहा है.
आईआरईएनए, एक वैश्विक एजेंसी जो देशों को सतत ऊर्जा अपनाने में सहायता करती है, दुनिया भर में नवीकरणीय ऊर्जा विकास के लिए व्यापक स्तर पर आंकड़े और नीतिगत समर्थन प्रदान करती है.
यह उपलब्धि ऐसे समय में सामने आई है जब India विविध ऊर्जा रणनीति के माध्यम से 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन बिजली क्षमता हासिल करने के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को आगे बढ़ा रहा है.
सौर ऊर्जा क्षेत्र में अपनी सफलता के अलावा, India अपने पवन ऊर्जा पोर्टफोलियो का भी विस्तार कर रहा है.
पिछले महीने की शुरुआत में, Union Minister ने संसद को सूचित किया था कि इस वर्ष 30 जून तक India में स्थापित पवन ऊर्जा क्षमता 51.67 गीगावाट तक पहुंच गई है.
Lok Sabha में एक सवाल के जवाब में लिखित उत्तर में Union Minister ने कहा, देश की पवन ऊर्जा क्षमता पिछले तीन वित्तीय वर्षों में लगातार बढ़ रही है. वित्त वर्ष 2023-2024 में 2,275.55 मेगावाट की नई क्षमता जोड़ी गई ही थी. वहीं, वित्त वर्ष 2024-2025 में 3,253.39 मेगावाट की नई क्षमता जोड़ी गई थी और वित्त वर्ष 2025-2026 की अप्रैल-जून तिमाही में 1,637.02 मेगावाट नई क्षमता स्थापित की गई है.
13,816.68 मेगावाट स्थापित क्षमता के साथ, Gujarat पवन ऊर्जा उत्पादन क्षमता के मामले में शीर्ष तीन राज्यों में सबसे आगे है. तमिलनाडु 11,830.36 मेगावाट के साथ दूसरे स्थान पर है. 7,714.74 मेगावाट स्थापित पवन ऊर्जा के साथ, कर्नाटक देश का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है.
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एबीएस/