भारत और सिंगापुर ने व्यापार और निवेश संबंधों को गहरा करने पर की बातचीत

New Delhi, 15 अगस्त . India और सिंगापुर ने एक संयुक्त कार्य समूह की बैठक आयोजित की, जिसमें द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों को गहरा करने, बेहतर संरेखण के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान करने, लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन में सुधार, नियामक ढांचे को सुव्यवस्थित करने और सीमा पार व्यापार को सुविधाजनक बनाने के तरीकों की खोज पर ध्यान केंद्रित किया गया. Friday को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई.

बैठक में सेमीकंडक्टर सेक्टर और व्यापार के डिजिटलीकरण जैसे क्षेत्रों में चल रहे सहयोग की समीक्षा की गई और कौशल विकास, क्षमता निर्माण और पारस्परिक लाभ के लिए अन्य उभरते क्षेत्रों में संभावित साझेदारियों की खोज की गई.

बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष इन अवसरों को ठोस परिणामों में बदलने के लिए अधिक लगातार संपर्क के महत्व पर सहमत हुए.

भारत-सिंगापुर व्यापार एवं निवेश संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजीटीआई) की चौथी बैठक Thursday को New Delhi स्थित वाणिज्य भवन में India द्वारा आयोजित की गई.

बैठक की सह-अध्यक्षता वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल और सिंगापुर के व्यापार एवं उद्योग मंत्रालय के स्थायी सचिव डॉ. बेह स्वान जिन ने की. यह बैठक एक दिन पहले आयोजित तीसरे भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन (आईएसएमआर) के बाद हुई.

अग्रवाल ने कहा कि भारत-सिंगापुर संबंध पारंपरिक व्यापार से कहीं आगे बढ़ चुके हैं. हालांकि दोनों देश पहले से ही व्यापार और निवेश में मजबूत जुड़ाव में हैं, फिर भी आगे सहयोग के पर्याप्त अवसर मौजूद हैं.

वर्ष 2025 India और सिंगापुर के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ और व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) की 20वीं वर्षगांठ का प्रतीक है.

2005 में हस्ताक्षरित सीईसीए, India द्वारा किसी भी साझेदार के साथ किया गया पहला व्यापक व्यापार समझौता था और सिंगापुर का किसी दक्षिण एशियाई देश के साथ ऐसा पहला समझौता था.

सिंगापुर, आसियान के भीतर India का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जिसका 2024-25 के दौरान कुल द्विपक्षीय व्यापार 34.26 अरब डॉलर था.

यह India का दूसरा सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) स्रोत भी है, जिसमें अप्रैल 2000 और जुलाई 2024 के बीच 163.85 अरब डॉलर (11,24,509.65 करोड़ रुपये) का इक्विटी प्रवाह हुआ, जो India के संचयी प्रवाह का लगभग 24 प्रतिशत है.

एसकेटी/