टोक्यो, 2 सितंबर . जापान के विदेश मामलों के संसदीय उप मंत्री मासाहिरो कोमुरा ने सोमवार को कहा कि भारत के साथ देश का संबंध सुरक्षा, अर्थव्यवस्था समेत कई क्षेत्रों में गहरा हो रहा है.
टोक्यो में भारतीय दूतावास में ‘जापान में भारत माह’ कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए विदेश मामलों के उप-मंत्री ने कहा, “जापान-भारत विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के तहत दोनों देशों के बीच लगातार उच्च स्तरीय यात्राओं के साथ जापान-भारत संबंध सुचारू रूप से आगे बढ़ रहे हैं. इस वर्ष इसकी 10वीं वर्षगांठ है.”
जापानी विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार मासाहिरो कोमुरा ने कहा, “जापान और भारत ‘इंडिया मंथ’ जैसे आयोजनों के माध्यम से दोनों देशों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करेंगे, जो जापान-भारत पर्यटन विनिमय वर्ष पहल का हिस्सा है.”
भारतीय राजदूत सिबी जॉर्ज के साथ संसदीय उप मंत्री ने भारत सरकार की एक प्रमुख पहल ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन स्पेशलिटी प्रोडक्ट’ (ओडीओपी) पर एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया, जो पूरे भारत से 100 से अधिक उत्पादों को एक साथ लाती है.
इसी तरह का एक ‘जापान माह’ भारत में आयोजित किया जा रहा है. इसमें जापान से संबंधित कार्यक्रमों की एक श्रृंखला शामिल है, जो सितंबर से अक्टूबर 2024 तक पूरे भारत में होने वाली है.
सितंबर और अक्टूबर में राजनीति, सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और संस्कृति सहित विभिन्न क्षेत्रों में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
इसमें दोनों देशों के बीच संबंधों को और गहरा करने के उद्देश्य से भारत और जापान के बीच व्यापार और निवेश, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और लोगों से लोगों के आदान-प्रदान पर ध्यान केंद्रित करने वाले सेमिनार, संगोष्ठी, प्रदर्शनियां, नेटवर्किंग कार्यक्रम शामिल होंगे.
इस सप्ताह के अंत में, 14वां भारत-जापान विज्ञान, प्रौद्योगिकी और शिक्षा संगोष्ठी, जिसका शीर्षक ‘विज्ञान और प्रौद्योगिकी के सीमांत क्षेत्रों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ है, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जाएगा. यह संस्थान भारत और जापान के वैज्ञानिकों के लिए मंच के रूप में कार्य करता है.
इसी तरह, तीसरा भारत-जापान शिक्षा कॉन्क्लेव, भारत में जापानी दूतावास द्वारा इस महीने के अंत में ‘जापान माह’ के दौरान आयोजित होने वाला एक प्रमुख कार्यक्रम होगा. इसमें भारत और जापान के बीच शैक्षिक आदान-प्रदान और सहयोग को बढ़ावा देने पर चर्चा होगी.
इस कार्यक्रम का उद्देश्य दोनों देशों के बीच शैक्षिक, सांस्कृतिक और तकनीकी आदान-प्रदान के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम करना, उनके दीर्घकालिक मैत्रीपूर्ण संबंधों और नवाचार, सम्मान और पारस्परिक विकास के साझा मूल्यों का लाभ उठाना है.
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