New Delhi, 13 जुलाई . केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत और आइसलैंड भौगोलिक रूप से जरूर दूर हो, लेकिन दोनों अपने लोगों के अच्छे भविष्य के लिए इनोवेशन और सकारात्मक ऊर्जा की समान भावना साझा करते हैं.
social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में Union Minister ने कहा कि उन्होंने आइसलैंड की बहुत ही फलदायी और उत्पादक यात्रा संपन्न की है, जिसमें आइसलैंड के उप स्थायी सचिव बर्गडिस एलर्ट्सडोटिर द्वारा भारतीय प्रतिनिधिमंडल के लिए रात्रिभोज का आयोजन किया गया.
पुरी ने पोस्ट में कहा, “हमारे साथ भारत में आइसलैंड के राजदूत एम्ब बेनेडिक्ट होस्कुलडसन और कई ऊर्जा, व्यापार एवं बहुपक्षीय विशेषज्ञ भी शामिल हुए. आइसलैंड के लोगों और ऊर्जा पेशेवरों के गर्मजोशी और आतिथ्य के लिए मैं उनका तहे दिल से आभारी हूं.”
इससे पहले Union Minister ने कार्बफिक्स की मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी क्रिस्टिन इंगी लारुसन से मुलाकात की. कार्बफिक्स एक आइसलैंडिक कार्बन कैप्चर कंपनी है जो भूमिगत बेसाल्ट संरचनाओं में कार्बन डाइऑक्साइड को इंजेक्ट करके उसे पत्थर में बदल देती है.
Union Minister ने कहा, “भारत के पश्चिमी तट पर बड़ी बेसाल्टिक चट्टान संरचनाएं हैं, जहां औद्योगिक इकाइयों द्वारा लागत प्रभावी तरीके से स्थायी कार्बन कैप्चर और भंडारण के लिए सीओ2 और पानी को इंजेक्ट किया जा सकता है, यह टेक्नोलॉजी पीएम मोदी के नेतृत्व में हरित ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में भारत की यात्रा में एक प्रभावशाली भूमिका निभा सकती हैं.”
Union Minister ने आगे कहा कि आइसलैंड की सबसे बड़ी भू-तापीय ऊर्जा कंपनी, ओएन पावर के सीईओ, अर्नी हर्नार हेराल्डसन के साथ रेक्जाविक में हुई बैठक में हमें इस बात की जानकारी मिली कि कंपनी हेलिशेइदी और नेसजावेलिर भू-तापीय संयंत्रों में बिजली और गर्म पानी दोनों का उत्पादन कैसे करती है और अंडाकिल्सा हाइड्रो स्टेशन के माध्यम से बिजली कैसे उत्पन्न करती है.
पुरी ने कहा, “हमने कंपनी के सतत विकास और इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के प्रयासों पर चर्चा की, जो सार्वजनिक और वाणिज्यिक दोनों हितधारकों को हरित परिवहन समाधानों के लिए प्रोत्साहित करता है.”
उन्होंने आगे कहा कि इन तकनीकों में भारत के लिए अच्छी संभावनाएं हो सकती हैं क्योंकि हिमालय में उत्तराखंड, Himachal Pradesh और लद्दाख में भू-तापीय क्षमता है.
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एबीएस/