नई दिल्ली, 6 मई . भारत और घाना दोनों देशों के नागरिकों के लिए तत्काल फंड ट्रांसफर की सुविधा के लिए छह माह के भीतर घाना इंटरबैंक भुगतान और निपटान प्रणाली के साथ एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) को चालू करने पर सहमत हुए हैं. यह जानकारी वाणिज्य मंत्रालय ने सोमवार को दी.
घाना की राजधानी अकरा में 2-3 मई को भारत और घाना के अधिकारियों के बीच हुई संयुक्त व्यापार समिति (जेटीसी) की बैठक में इस मामले में सहमति बनी.
वाणिज्य मंत्रालय ने बताया कि दोनों देशों ने व्यापार में स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली (एलसीसीएस), डिजिटल परिवर्तन समाधान और अफ्रीकी महाद्वीपीय मुक्त व्यापार समझौते द्वारा पेश अवसरों पर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) की संभावनाओं पर भी चर्चा की.
गौरतलब है कि फ्रांस, संयुक्त अरब अमीरात, श्रीलंका और मॉरीशस में पहले से ही तत्काल फंड ट्रांसफर की सुविधा उपलब्ध है.
दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार भुगतान को स्थानीय मुद्रा में निपटाने से अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम होगी. इससे रुपये को भी मजबूती मिलेगी.
भारत के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अमरदीप सिंह भाटिया ने किया.
दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार के साथ-साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी निवेश को बढ़ाने के लिए कई क्षेत्रों की पहचान की. इनमें फार्मास्यूटिकल्स, स्वास्थ्य सेवा, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, नवीकरणीय ऊर्जा, बिजली क्षेत्र, डिजिटल अर्थव्यवस्था, महत्वपूर्ण खनिज, कपड़ा आदि शामिल हैं.
भारत के प्रतिनिधिमंडल में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, एक्ज़िम बैंक और भारतीय फार्माकोपिया आयोग के अधिकारी शामिल थे.
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के नेतृत्व में एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल भी आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ बिजली, फिनटेक, दूरसंचार, विद्युत मशीनरी और फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्रों सहित विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ गया.
गौरतलब है कि घाना अफ्रीकी क्षेत्र में भारत का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार है. 2022-23 में भारत और घाना के बीच 2.87 बिलियन अमेरिकी डॉलर का व्यापार हुआ. भारत घाना में तीसरा सबसे बड़ा निवेशक है.
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