भारत और फ्रांस को द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए करना चाहिए काम : पीयूष गोयल

पेरिस, 3 जून . केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि भारत और फ्रांस को द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए काम करना चाहिए, क्योंकि दोनों देशों के बीच व्यापार को मौजूदा 15 अरब डॉलर के स्तर से बढ़ाने की पर्याप्त गुंजाइश है.

भारत-फ्रांस सीईओ फोरम में केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि दोनों देशों को उभरते और रणनीतिक क्षेत्रों में गहन सहयोग की दिशा में काम करना चाहिए.

केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा, “हम केवल 15 अरब डॉलर से संतुष्ट नहीं हो सकते. क्योंकि इसकी गुंजाइश कहीं ज्यादा है.”

उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, पर्यटन, मैन्युफैक्चरिंग और वैश्विक क्षमता केंद्रों में सहयोग की संभावनाओं का पता लगाने के लिए सीईओ फोरम के तहत निजी क्षेत्र में संयुक्त कार्य समूह बनाने का सुझाव दिया.

केंद्रीय मंत्री गोयल ने यह भी घोषणा की कि भारत और फ्रांस व्यापार और नियामक बाधाओं को दूर करने में व्यवसायों की मदद करने के लिए राजदूत स्तर पर एक फास्ट-ट्रैक मैकेनिज्म को एक्टिव करेंगे.

उन्होंने कहा, “इससे हमें व्यापार के नए क्षेत्र खोजने और विनियमन के दायरे को पार करने में एक-दूसरे का समर्थन करने में मदद मिलेगी.”

उन्होंने बताया कि भारतीय व्यवसाय अक्सर यूरोपीय संघ के जटिल नियामक वातावरण से भ्रमित होते हैं.

केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा, “यह एक उलझन है, खासकर तब जब प्रत्येक यूरोपीय संघ के सदस्य देश के अपने नियम हैं.”

केंद्रीय मंत्री ने फिर से पुष्टि की कि भारत और यूरोपीय संघ 2025 के अंत से पहले एक व्यापक व्यापार समझौते को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

उन्होंने सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री गान किम योंग के साथ भी बैठक की और आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के तरीकों और भारतीय शिपिंग सेक्टर में बड़े अवसरों पर चर्चा की.

केंद्रीय मंत्री गोयल ने पेरिस में ब्रिटेन के कारोबार एवं व्यापार सचिव जोनाथन रेनॉल्ड्स और सऊदी अरब के वाणिज्य मंत्री डॉ. माजिद बिन अब्दुल्ला अल-कसाबी के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की भी योजना बनाई है. पीयूष गोयल फ्रांस और इटली की आधिकारिक यात्रा पर हैं, जो प्रमुख यूरोपीय भागीदारों के साथ रणनीतिक और आर्थिक संबंधों को गहरा करने के लिए भारत की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है. साथ ही, केंद्रीय मंत्री गोयल की यात्रा एक मजबूत और समावेशी वैश्विक विकास के लिए एक साझा दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने पर केंद्रित है.

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