New Delhi, 16 अक्टूबर . विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने Thursday को बताया कि India और मिस्र वैश्विक दक्षिण की प्रगति के लिए प्रतिबद्धता साझा करते हैं.
विदेश मंत्री जयशंकर ने प्रथम भारत-मिस्र रणनीतिक वार्ता में अपने उद्घाटन भाषण में कहा, “India और मिस्र वैश्विक दक्षिण की प्रगति और विश्व मामलों में राष्ट्रों की स्वतंत्रता एवं चयन की स्वतंत्रता को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. यह एकजुटता निश्चित रूप से आज हमारी चर्चाओं का मार्गदर्शन करेगी.”
उन्होंने मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलती का दो दिवसीय India दौरे पर स्वागत भी किया.
विदेश मंत्री के रूप में अब्देलती की यह पहली India यात्रा है. जयशंकर ने बताया कि पहली भारत-मिस्र रणनीतिक वार्ता द्विपक्षीय संबंधों में एक मील का पत्थर है, जिसमें 2023 में रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक संबंधों के बेहतर होने के बाद से विभिन्न क्षेत्रों में गहन सहयोग देखा गया है.
विदेश मंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “हमारे Political संपर्क और समन्वय बहुपक्षीय संबंधों सहित मजबूत और निरंतर रहे हैं. हमारे रक्षा और सुरक्षा आदान-प्रदान बढ़े हैं. व्यापार और निवेश आशाजनक बने हुए हैं और हम इस पर चर्चा करेंगे कि इन्हें कैसे आगे बढ़ाया जाए. हम डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, फिनटेक, फार्मा, अंतरिक्ष, स्टार्टअप और हरित प्रौद्योगिकियों में संभावनाओं का पता लगा सकते हैं. दो प्राचीन सभ्यताओं के अनुरूप, संस्कृति और लोगों के बीच आदान-प्रदान भी हमारे संबंधों में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं.”
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच लंबे समय की मित्रता को ध्यान में रखते हुए, यह स्वाभाविक ही था कि मिस्र जून 2025 में इस क्षेत्र से भारतीय नागरिकों को निकालने में India की सहायता करे.
उन्होंने कहा, “पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद आपकी Government और आपने व्यक्तिगत रूप से जो एकजुटता दिखाई, उसके लिए मैं आपकी गहरी सराहना व्यक्त करना चाहता हूं. उस समय Prime Minister मोदी और President सिसी ने एक-दूसरे से बात की थी. हमने उस गर्मजोशी भरे स्वागत को भी देखा जो आपने उसके बाद मिस्र का दौरा करने वाले बहुदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का किया था.”
विदेश मंत्री जयशंकर ने जोर देकर कहा कि यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब अंतर्राष्ट्रीय स्थिति ‘जटिल और अस्थिर’ है.
–
एससीएच/एबीएम