कृत्रिम बुद्धिमत्ता अपनाने में भारत शीर्ष देशों में शामिल

नई दिल्ली, 20 अप्रैल . जैसे-जैसे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में जेनेरेटिव एआई (जेनएआई) को अपनाने में बढ़ोतरी हो रही है, भारत आने वाले वर्षों में सबसे तेजी से विस्तार करने वाले बाजारों में शामिल होने के लिए तैयार है.

आईडीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में एआई-केंद्रित प्रणालियों के लिए सॉफ्टवेयर, सेवाओं और हार्डवेयर सहित जेनएआई अपनाने में अभूतपूर्व वृद्धि देखी जा रही है.

इस क्षेत्र में 2027 तक जेनएआई का खर्च बढ़कर 26 अरब डॉलर होने की संभावना है, इस अवधि के लिए चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) 95.4 प्रतिशत होगी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह उछाल एआई नवाचार और तकनीकी प्रगति की अगली लहर को चलाने में क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है.

आईडीसी एपीजे में बिग डेटा और एआई की अनुसंधान प्रमुख दीपिका गिरी ने कहा कि जेनएआई में निवेश अगले दो वर्षों के भीतर अपने चरम पर पहुंच जाएगा, जिसके बाद स्थिरीकरण की अवधि आएगी.

गिरि ने कहा, “चीन को जेनएआई के लिए प्रमुख बाजार के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखने का अनुमान है, जबकि जापान और भारत आने वाले वर्षों में सबसे तेजी से विस्तार करने वाले बाजार बनने के लिए तैयार हैं.”

सॉफ्टवेयर विकास से लेकर ग्राहक सेवा तक, जेनएआई उद्योगों में क्रांति ला रहा है, इस क्षेत्र में नवाचार के एक नए युग की शुरुआत कर रहा है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय सेवा क्षेत्र एशिया में जेनएआई अपनाने में तेजी से वृद्धि का अनुभव कर रहा है – 96.7 प्रतिशत की सीएजीआर के साथ 2027 तक 4.3 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है.

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