नई दिल्ली, 10 जनवरी . भारत ने सोलर और विंड कैपेसिटी को लेकर 2024 में नया रिकॉर्ड बनाया है. जेएमके रिसर्च के अनुसार, भारत ने कैलेंडर ईयर 2024 (जनवरी से दिसंबर) में लगभग 24.5 गीगावाट सोलर कैपेसिटी और 3.4 गीगावाट विंड कैपेसिटी जोड़ी है. यह 2023 की तुलना में सोलर इंस्टॉलेशन में दोगुने से अधिक और विंड इंस्टॉलेशन में 21 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. 2024 में जोड़ी गई सोलर कैपेसिटी अब तक किसी भी एक वर्ष में दर्ज की गई सबसे अधिक है.
भारत ने 2024 में 4.59 गीगावाट की नई रूफटॉप सोलर कैपेसिटी इंस्टॉल की, जो 2023 की तुलना में 53 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है. इस वृद्धि का श्रेय मुख्य रूप से पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को जाता है, जिसे इस साल की शुरुआत में लॉन्च किया गया था. इस योजना ने देश भर में केवल 10 महीनों में 7 लाख रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन की सुविधा प्रदान की.
विंड सेक्टर में 2024 में 3.4 गीगावाट की नई कैपेसिटी वृद्धि देखी गई, जो 2023 की तुलना में 21 प्रतिशत अधिक है. 2024 में इंस्टॉल्ड विंड एनर्जी कैपेसिटी का 98 प्रतिशत हिस्सा गुजरात (1,250 मेगावाट), कर्नाटक (1,135 मेगावाट) और तमिलनाडु (980 मेगावाट) तीन राज्यों से था.
इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, भारत ने चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान लगभग 15 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी जोड़ी है, जो पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान जोड़े गए 7.54 गीगावाट से लगभग दोगुना है.
सीआईआई अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा सम्मेलन और प्रदर्शनी (आईईसीई) को संबोधित करते हुए, अक्षय ऊर्जा मंत्री ने आगे कहा था कि गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा क्षेत्र में भारत की कुल स्थापित क्षमता 214 गीगावाट तक पहुंच गई है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 14 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि को दर्शाता है.
केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी थी कि अकेले नवंबर 2024 में 2.3 गीगावाट की नई कैपेसिटी जोड़ी गई, जो नवंबर 2023 में जोड़ी गई 566 मेगावाट की तुलना में चार गुना वृद्धि को दर्शाती है.
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