भारत ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी 2026 रैंकिंग में हासिल किया खास मुकाम, गर्व की बात: धर्मेंद्र प्रधान

नई दिल्ली, 19 जून . केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 की सराहना करते हुए इसे भारत के लिए “अत्यंत गर्व” का क्षण बताया है.

प्रधान ने गुरुवार को एक्स पोस्ट में कहा, “वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ 54 उच्च शिक्षा संस्थानों में शामिल होने के साथ भारत ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी 2026 रैंकिंग में एक नया मुकाम हासिल किया है. 2014 में सिर्फ 11 संस्थानों से अब 54 तक, यह लगभग पांच गुना वृद्धि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में शुरू किए गए परिवर्तनकारी शैक्षिक सुधारों को दर्शाती है.”

उन्होंने देश की शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को श्रेय दिया.

उन्होंने कहा, “एनईपी न केवल हमारे शिक्षा परिदृश्य को बदल रहा है, बल्कि क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है. यह बहुत गर्व की बात है कि भारत जी-20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली शिक्षा प्रणाली है और अमेरिका, ब्रिटेन और चीन के बाद चौथे स्थान पर है. मुझे विश्वास है कि अनुसंधान, नवाचार और अंतर्राष्ट्रीयकरण पर एनईपी पर जोर के साथ आने वाले समय में और अधिक भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान वैश्विक उत्कृष्टता हासिल करेंगे.”

गुरुवार को जारी क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में कुल 54 भारतीय संस्थानों को स्थान दिया गया है, जो भारत के लिए अब तक का सर्वोच्च स्थान है. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली शीर्ष रैंक वाला भारतीय संस्थान बनकर उभरा है, जो वैश्विक स्तर पर 150वें स्थान से 123वें स्थान पर पहुंच गया है, जो अब तक का उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.

शिक्षा मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट किया, “आईआईटी दिल्ली भारत के शीर्ष रैंक वाले संस्थान के रूप में अग्रणी है. यह क्यूएस रैंकिंग में संस्थान के लिए एक ऐतिहासिक ऊंचाई है.”

मंत्रालय ने यह भी कहा कि पिछले एक दशक में भारत ने क्यूएस रैंकिंग में प्रतिनिधित्व में 390 प्रतिशत की आश्चर्यजनक वृद्धि दर्ज की है, जो जी-20 देशों में सबसे तेज है.

पिछले साल की रैंकिंग में भारत का शीर्ष संस्थान आईआईटी बॉम्बे इस साल 118वें स्थान से फिसलकर 129वें वें स्थान पर आ गया है. आईआईटी मद्रास ने उल्लेखनीय सुधार करते हुए 47 पायदान की छलांग लगाई है और 180वें स्थान पर पहुंच गया है, जबकि पिछले साल यह 227वें स्थान पर था.

इस वर्ष भारत के लगभग 48 प्रतिशत विश्वविद्यालयों ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया है. वैश्विक शीर्ष 100 में पांच भारतीय संस्थानों ने भी स्थान प्राप्त किया है.

सूची में अन्य भारतीय संस्थानों में आईआईटी खड़गपुर (215), आईआईएससी बैंगलोर (219) और दिल्ली विश्वविद्यालय (328) शामिल हैं. निजी विश्वविद्यालय जैसे बिट्स पिलानी (668) और ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (851-900) भी शामिल हैं.

वैश्विक स्तर पर, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) ने लगातार 14 वें वर्ष शीर्ष स्थान बरकरार रखा है.

एकेएस/केआर