शाहजहां शेख को इंडी गठबंधन ने दिया है सेक्युलर संरक्षण, संदेशखाली पर चुप क्यों है पूरा विपक्ष? : भाजपा

नई दिल्ली, 26 फरवरी . भाजपा ने संदेशखाली मामले में विपक्षी नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि शाहजहां शेख को केवल ममता बनर्जी द्वारा नहीं बल्कि पूरे इंडी गठबंधन द्वारा सरंक्षण दिया जा रहा है. भाजपा ने इंडी गठबंधन पर सवाल खड़े करते हुए पूछा कि आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी है कि संदेशखाली की घटना पर पूरा विपक्ष चुप है ?

भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल की सरकार पूरी तरह से तानाशाही और तालिबानी मानसिकता वाली सरकार बन चुकी है.

उन्होंने आरोप लगाया कि जब कोई पत्रकार पश्चिम बंगाल में महिलाओं पर हुए अत्याचारों पर सवाल उठाता है तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है. कोई जांच कमेटी का सदस्य जैसे वरिष्ठ वकील जाते हैं तो उन्हें रोक लिया जाता है, विपक्ष का कोई नेता या कोई कार्यकर्ता जाता है तो उनके साथ मारपीट की जाती है और उन्हें अन्यायिक तरीके से 144 धारा लगाकर रोक दिया जाता है. संदेशखाली में पीड़ित महिलाओं को डराने, धमकाने का प्रयास किया जाता है और शाहजहां शेख जैसे अपराधियों को प्रदेश सरकार द्वारा बढ़ावा और संरक्षण दिया जाता है.

पूनावाला ने आगे बताया, “टीएमसी सरकार के काले कारनामों पर आज हाईकोर्ट तक ने फटकार लगाई है. इससे पहले भी 2021 में जब चुनाव के बाद तृणमूल के गुंडों के द्वारा महिलाओं का बलात्कार किया गया था, तब हाई कोर्ट ने इन सभी मामलों में संज्ञान लिया और प्रमाण प्रस्तुत किए, जिनसे ये साबित हो गया कि पश्चिम बंगाल की पुलिस महिलाओं के साथ न खड़े होकर अपराधियों के साथ खड़ी थी. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कभी महिलाओं के प्रति ममता नहीं दिखाई और न ही उनका समर्थन किया. ”

भाजपा प्रवक्ता ने ममता बनर्जी के साथ-साथ विपक्षी गठबंधन पर भी प्रहार करते हुए कहा, “शाहजहां शेख को सेक्युलर संरक्षण केवल ममता बनर्जी द्वारा नहीं बल्कि पूरे इंडी गठबंधन द्वारा दिया जा रहा है. पत्रकारों के संवैधानिक अधिकारों और महिला उत्पीड़न पर हाथरस से लेकर भाजपा शासित प्रदेशों में जब भी कोई अप्रिय और दुर्भाग्यपूर्ण घटना होती है तब प्रियंका गांधी, राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल वल्चर टूरिज्म करने पहुंच जाया करते थे, लेकिन संदेशखाली की घटना पर किसी ने एक ट्वीट तक नहीं किया. ऐसी कौन सी मजबूरी है कि संदेशखाली की घटना पर पूरा विपक्ष चुप है?”

एसटीपी/एबीएम