मध्य प्रदेश कांग्रेस में बढ़ते दल-बदल ने बढ़ा दी पार्टी की चिंता

भोपाल, 22 फरवरी . मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके पुत्र नकुलनाथ के भाजपा में शामिल होने को लेकर चल रही चर्चाओं पर भले ही विराम लग गया हो, मगर उसके बाद भी जारी दल-बदल ने कांग्रेस की चिताओं को बढ़ा दिया है.

आगामी 25 फरवरी को बड़े दल-बदल की चर्चाएं फिर जोरों पर हैं.

दरअसल, राज्य में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के कई नेता भाजपा का दामन थाम रहे हैं. जबलपुर के महापौर जगत सिंह अन्नू और पूर्व महाधिवक्ता शशांक शेखर के अलावा मीडिया विभाग के पूर्व अध्यक्ष अजय सिंह यादव सहित बड़ी तादाद में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता भाजपा का दामन थाम चुके हैं. लगभग हर रोज कांग्रेस के कुछ पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के भाजपा में शामिल होने की खबरें भी आ रही हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके पुत्र छिंदवाड़ा से सांसद नकुलनाथ के भी भाजपा में जाने की चर्चाएं जोरों पर रही, मगर उस पर विराम लग गया है. आगामी दिनों में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के प्रदेश प्रवास संभावित हैं. 25 फरवरी को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आ रहे हैं. कहा जा रहा है कि इस दौरान कांग्रेस के बड़े नेता भाजपा का दामन थाम सकते हैं.

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तो यहां तक कह रहे हैं कि कुछ लोग भाजपा परिवार में जुड़ना चाह रहे हैं, लेकिन अभी नहीं जुड़े हैं. काल के प्रवाह में आगे चलकर वे हमारे परिवार से जुड़ेंगे, ऐसा हमें विश्वास है.

यह बात अलग है कि कांग्रेस की प्रदेश इकाई इस दल-बदल से अपने को बेफिक्र बताने की कोशिश रही है और प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह तो यहां तक कह चुके हैं कि जिनको जाना है, वे जाएं.

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस में कई नेता अपने को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं और आपसी समन्वय का अभाव भी नजर आ रहा है, इसके साथ ही आगामी चुनाव में उन नेताओं को कांग्रेस के लिए ज्यादा संभावना नजर नहीं आ रही है, लिहाजा, वो भाजपा की तरफ बढ़ रहे हैं.

एसएनपी/एबीएम